घाघरा नदी में छोड़ा गया 4.36 लाख क्यूसेक पानी

in #water5 days ago

आजमगढ़ 14 सितंबर: (डेस्क)नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण घाघरा नदी में बाढ़ की संभावना बढ़ गई है। हाल ही में, घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 49 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है। यह स्थिति बाराबंकी जिले में एल्गिन ब्रिज के पास देखी गई, जहां जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इस बढ़ते जलस्तर के कारण तराई क्षेत्र के निवासियों में चिंता बढ़ गई है और वे सुरक्षित स्थानों की तलाश में जुट गए हैं।

IMG_20240813_222851_788.jpg

बाढ़ की संभावनाएं
घाघरा नदी के जलस्तर में वृद्धि से बाराबंकी के रामनगर,
रामसनेहीघाट, सिरौली और गौसपुर तहसीलों के कई गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। बहराइच जिले के कैसरगंज तहसील के भी कई गांव प्रभावित होने की संभावना है। ग्राम पंचायत अहाता के प्रधान प्रतिनिधि रंजन यादव ने बताया कि गांव के संपर्क मार्ग की पुलिया के दोनों तरफ पानी बढ़ जाने के कारण गांव का संपर्क कट गया है।

प्रशासन की तैयारी
जिला प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां कर ली हैं। रामनगर तहसील के उप जिलाधिकारी पवन कुमार ने बताया कि तहसीलदार लगातार तराई में बसे गांवों का दौरा कर रहे हैं और बाढ़ से बचाव के उपायों की जानकारी दे रहे हैं। अपर जिला अधिकारी वित्त एवं राजस्व अरुण कुमार सिंह भी प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों को हर संभव मदद का आश्वासन दे रहे हैं।

प्रभावित क्षेत्र
बाढ़ की स्थिति के कारण, ग्रामीणों को अपनी फसलों और संपत्तियों की सुरक्षा के लिए तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है। पानी की बढ़ती हुई मात्रा ने कई गांवों को घेर लिया है, जिससे ग्रामीणों में भय और असुरक्षा का माहौल उत्पन्न हो गया है।

निष्कर्ष
इस प्रकार, नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण घाघरा नदी में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं, लेकिन स्थानीय निवासियों को भी सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों की तलाश करने की सलाह दी गई है।