यमुना का जलस्तर बढ़ने से खादरों में फसलें डूबीं

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आगरा 14 अगस्त : (डेस्क) उत्तराखंड में हो रही भारी बारिश व हरियाणा व गोकुल बैराज से छोड़े गए पानी से मंगलवार को अचनानक यमुना जलस्तर बढ़ गया। इससे यमुना खादरों में खड़ी किसानों की फसलें डूब गईं। लगातार बढ़ रहे यमुना जलस्तर को देखते हुए किसानों के दिलों की धड़कनें तेज हो गई हैं।

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यमुना तटवर्ती किसानों की चिंता मंगलवार को उस समय बढ़ गई जब उन्होंने यमुना के जलस्तर में अचानक वृद्धि देखी। दोपहर बाद किसान जब यमुना के किनारे पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि नदी का पानी खादरों में खड़ी फसलों, जैसे बाजरा, मक्का और सब्जियों में प्रवेश कर चुका है।

किसानों ने बताया कि यदि जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा, तो निचले हिस्से में बोई गई अधिकांश फसलें जलमग्न हो जाएंगी। लगातार हो रही बारिश से यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे क्षेत्र में चिंता का माहौल है।

किसानों का कहना है कि यह स्थिति उनके लिए बहुत चिंताजनक है, क्योंकि इससे उनकी फसलें बर्बाद हो सकती हैं। इस समय, यमुना का जलस्तर चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच रहा है, जिससे तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले किसानों और ग्रामीणों की चिंता और बढ़ गई है।

किसानों ने प्रशासन से जल्द ही इस समस्या का समाधान निकालने की अपील की है, ताकि उनकी फसलें सुरक्षित रह सकें।

जी हां, किसानों के लिए राहत योजनाएं चलाई जा रही हैं। झारखंड राज्य सरकार ने झारखंड राज्य फसल राहत योजना शुरू की है, जिसके तहत प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल नुकसान होने पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

इस योजना के अंतर्गत, यदि फसल में 30 से 50% तक नुकसान होता है, तो किसानों को 3000 रुपये प्रति एकड़ और 50% से अधिक नुकसान पर 4000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा। यह सहायता सीधे किसानों के बैंक खातों में DBT के माध्यम से भेजी जाती है.