जवाहरलाल नेहरू से नरेंद्र मोदी तक, किन फैसलों से बदला भारत

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1266680-indflggg.jpg75 साल पहले भारत जब आजाद हुआ तो देश के सामने कई चुनौतियां थीं. इन चुनौतियों का मुकाबला करते हुए भारत अब दुनिया के ताकतवर देशों की लिस्ट शामिल हो चुका है. आइये आपको बताते हैं किन ऐतिहासिक फैसलों की वजह से भारत ने दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई.अंग्रेजों को देश छोड़कर वापस जाने के लिए मजबूर करने के बाद भारत के सामने कई चुनौतियां आईं. तमाम कठिनाइयों को झेलने और अथक परिश्रम के बाद देश आज मजबूत स्थिति में खड़ा है. देश के विकास के लिए कई ऐसे फैसले लिए गए जिन्हें भुला पाना नामुमकिन है. भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक के शासन में ऐसे फैसले लिए गए जिनका परिणाम है कि भारत आज विश्व गुरु बनने की राह पर अग्रसर है. आइये आपको बताते हैं देश के उनक ऐतिहासिकफैसलों के बारे में जिनके बल पर भारत की दुनिया में आज अलग पहचान है. भारतीय रेलवे का राष्ट्रीयकरण

1951 में राष्ट्रीयकृत भारतीय रेलवे आज एशिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है और एकल प्रबंधन के तहत संचालित दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है.भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की स्थापना

1955 में भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना की गई. 1955 में इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया का राष्ट्रीयकरण किया गया था, जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक ने 60% हिस्सेदारी ली थी और इसका नाम बदलकर भारतीय स्टेट बैंक कर दिया गया था.1958: DRDO की स्थापना

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की स्थापना 1958 में अधिक उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी के साथ भारत की सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए की गई थी. तब से DRDO ने विमान, छोटे और बड़े हथियार, आर्टिलरी सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (EW) सिस्टम, टैंक और बख्तरबंद वाहन, सोनार सिस्टम, कमांड और कंट्रोल सिस्टम और मिसाइल सिस्टम सहित कई बड़े कार्यक्रम और आवश्यक तकनीक विकसित की है.1963: भारत का पहला रॉकेट प्रक्षेपण

21 नवंबर 1963 को केरल के तिरुवनंतपुरम के पास थुंबा से पहले रॉकेट के प्रक्षेपण ने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत को चिह्नित किया. इन रॉकेटों ने रॉकेट जनित यंत्रों के इस्तेमाल से मौसम की जानकारी को संभव बना दिया. आधुनिक भारत की अंतरिक्ष यात्रा में यह पहला मील का पत्थर था. डॉ विक्रम साराभाई और उनके तत्कालीन साथी डॉ एपीजे अब्दुल कलाम इस उपलब्धि के दो अहम किरदार थे.जवाहरलाल नेहरू के प्रमुख कार्य

-उन्होंने आधुनिक मूल्यों और विचारों को बढ़ावा दिया.

-धर्मनिरपेक्ष और उदारवादी दृष्टिकोण पर जोर दिया.

-भारत की बुनियादी एकता पर ध्यान केंद्रित किया.

-1951 में पहली पंचवर्षीय योजनाओं को लागू करके लोकतांत्रिक समाजवाद की वकालत की और भारत के औद्योगीकरण को प्रोत्साहित किया.

-उच्च शिक्षा की स्थापना करके वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा दिया.कई सामाजिक सुधारों की स्थापना की जैसे मुफ्त सार्वजनिक शिक्षा, भारतीय बच्चों के लिए मुफ्त भोजन, महिलाओं के लिए कानूनी अधिकार जिसमें संपत्ति विरासत में लेने की क्षमता, अपने पतियों को तलाक देना, जाति के आधार पर भेदभाव को रोकने के लिए कानून आदि शामिल हैं.

1969: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का गठन

इसरो का गठन 1969 में ग्रहों की खोज और अंतरिक्ष विज्ञान अनुसंधान को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय विकास में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास की दृष्टि से किया गया था. इसरो ने 1962 में भारत के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू और वैज्ञानिक विक्रम साराभाई को भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापकों में माना1975: पहली सैटेलाइट आर्यभट्ट लॉन्च

'आर्यभट्ट' भारत की पहली सैटेलाइट है जिसे 1975 में सोवियत संघ द्वारा लॉन्च किया गया था. प्रसिद्ध भारतीय खगोलशास्त्री (आर्यभट्ट) के नाम पर इस सैटेलाइट का नाम रखा गया. यह पूरी तरह से भारत में डिजाइन और निर्मित किया गया था. इसे 19 अप्रैल, 1975 को कपुस्टिन यार से सोवियत कॉसमॉस -3 एम रॉकेट द्वारा लॉन्च किया गया था.1995: दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की स्थापना

प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा और दिल्ली सरकार ने संयुक्त रूप से 3 मई 1995 को दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) नामक एक कंपनी की स्थापना की. जिसमें एलाट्टुवलापिल श्रीधरन प्रबंध निदेशक थे. मेट्रो की शुरुआत होते ही भारत तकनीक के मामले में बेहद आगे पहुंच गया.दूसरा पोखरण परीक्षण

पोखरण -1 के 24 साल बाद भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और परमाणु ऊर्जा आयोग (एईसी) ने 11 और 13 मई 1998 को पोखरण में पांच और परमाणु परीक्षण किए. परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार, डीआरडीओ निदेशक और उप निदेशक डॉ आर चिदंबरम ने इस परीक्षण योजना का समन्वय मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और DRDO निदेशक डॉ. अब्दुल कलाम के साथ किया. इस परीक्षण के बाद भारत ताकतवर तो हुआ ही था, साथ ही देश का कद दुनिया में कहीं ज्यादा2008: चंद्रयान -1 लॉन्च

चंद्रयान -1 को 22 अक्टूबर 2008 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा लॉन्च किया गया था. यह कदम मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को एक बड़ा बढ़ावा था. चांद की जांच के क्रम में चंद्रयान -1 भारत के लिए बड़ी उपलब्धि साबित हुई.2013: मंगलयान लॉन्च

मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM) ने भी विश्व पटल पर भारत को अलग पहचान दी है. इसे मंगलयान भी कहा जाता है. यह मंगल की परिक्रमा करने वाली एक अंतरिक्ष जांच है. इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा 5 नवंबर 2013 को लॉन्च किया गया था.

जीएसटी विधेयक

मोदी सरकार द्वारा शुरू किया गया माल और सेवा कर (जीएसटी) आजादी के बाद के 70 वर्षों में भारत का अब तक का सबसे बड़ा टैक्स सुधार था. जिसने एक दर्जन से अधिक संघीय और राज्य शुल्कों को एक जगह समाहित किया. अधिकारियों का मानना ​​है कि इसने लाखों व्यवसायों को टैक्स के दायरे में ला दिया, जिससे सरकारी राजस्व में वृद्धि हुई.

2010: शिक्षा बनी बच्चों का मौलिक अधिकार

बच्चों का मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम या शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) भारतीय संसद के अधिनियम को 4 अगस्त 2009 को वजूद में लाया गया. यह बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के महत्व के तौर-तरीकों का वर्णन करता है. 1 अप्रैल, 2010 को यह अधिनियम लागू हुआ. इसके लागू होते ही भारत शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाने वाला दुनिया का एक देश बन गया.

नीति आयोग की स्थापना

नीति आयोग (राष्‍ट्रीय भारत परिवर्तन संस्‍थान) भारत सरकार द्वारा गठित एक संस्‍थान है जिसे योजना आयोग के की जगह पर बनाया गया है. नीति आयोग की शुरुआत 1 जनवरी 2015 को हुई. यह संस्‍थान सरकार के थिंक टैंक के रूप में सेवाएं प्रदान करते आ रहा है. नीति आयोग, केन्‍द्र और राज्‍य स्‍तरों पर सरकार को नीति के प्रमुख कारकों के संबंध में प्रासंगिक महत्‍वपूर्ण एवं तकनीकी परामर्श उपलब्‍ध कराता

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सुनीता जी आपको स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

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