गांव में नहीं है श्मशान घाट ! बांस और बल्लियों के सहारे बनाया टीनशेड, फिर किया अंतिम संस्कार

in #vyavastha2 years ago

berasia_bhopal_1660648129.webpमध्य प्रदेश में बारिश का कहर लगातर जारी है। कई जिलों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। सरकार लगातार निर्माण कार्य में लगी रहती है और उन कामों में करोड़ो रूपये भी खर्च करती है। लेकिन ग्रामीण इलाकों में आज भी वे मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलती। प्रदेश में जिस हिसाब से अभी बारिश हुई है उसने सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों की पोल खोली हैं।
दरअसल भोपाल के बैरसिया ब्लॉक के कोटरा चौपरा ग्राम पंचायत के पोलासगंज गांव में एक व्यक्ति के निधन के बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार टीनशेड बनाके किया। इस टीनशेड को बांस बल्लियों का सहारा बनाया गया। साथ ही इसके अपने गांव से अंतिम संस्कार के लिए ग्रामीणों को दलदल में अर्थी लेकर जाना पड़ा।

वहीं परिजन ने बताया कि मेरे दादाजी का स्वर्गवास हो गया था। और उनके अंतिम संस्कार के लिए बहुत परेशान होना पड़ा। शवयात्रा निकालने में बहुत समस्या आई क्योंकि पानी का तेज बहाव होने के साथ ही रास्ता बहुत खराब था। नंगे पैर कीचड़ में आना पड़ा।

उन्होंने कहा कि गांव में श्मशान घाट पर कोई व्यवस्था नहीं हैं। दादाजी के अंतिम संस्कार के लिए हमें बल्लियां का सहारा लेना पड़ा और शेड डालना पड़ा। जो परेशानी आज हमारे परिवार ने उठाई वो गांव के किसी और को न उठाना पडे़। सरकार से मांग करते हुए कहा कि गांव में मुक्तिधाम का निर्माण कराना चाहिए।
इससे पहले भी एमपी के कई जिलों में ऐसे कुछ दृश्य देखने को मिले। मध्य प्रदेश के डिंडोरी में ग्रामीणों ने मृतक के शव को ट्यूब पर रखकर तैरते हुए नजर आए। लगातार बारिश के कारण बाढ़ के आसार बने हुए है। और गांव में आने और जाने का रास्ता सिर्फ एकमात्र यहीं नदी है। ऐसे में गांव के हालातों ने सरकार और प्रशासन की पोल खोल दी।

इसी कड़ी में बैतूल जिले के जामुन ढाणा गांव के रूपेश टेकाम की गर्भवती पत्नी मयंती टेकाम को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई थी। इसके चलते मयंती दर्द से तड़पने लगी। जिसके बाद रूपेश ने गांव के लोगों से मदद मांगी। और ग्रामीणों ने गर्भवती पत्नी को खाट पर लिटाकर नदी पार की और उसे डॉक्टर के पास पहुंचाया गया था।
विपक्ष ने इन घटनाओं को लेकर सरकारी व्यवस्थाओं पर सवाल उठाया। कांग्रेस की एक नेता ने ट्वीट करते हुए कहा कि मामा के राज में अंतिम संस्कार भी नहीं हो रहा नसीब अब कैसे मिलेगा मोक्ष? बैरसिया ग्राम के समाजसेवी नन्नू लाल कुशवाहा के अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट नही रास्ता तक नही बारिश में ग्रामीणों ने लकड़ियों की बल्ली का टीन शेड बनाकर किया अंतिम संस्कार।