युवा मतदाता अयोध्या में उपचुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे

in #voters14 days ago

अयोध्या 02 सितम्बर: (डेस्क)मिल्कीपुर उपचुनाव: अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को सपा ने दिया टिकट

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अयोध्या लोकसभा सीट से भाजपा के लल्लू सिंह को हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज करने वाले अवधेश प्रसाद का परिवार एक बार फिर चर्चा में है। समाजवादी पार्टी ने अवधेश प्रसाद के बड़े बेटे अजीत प्रसाद को मिल्कीपुर विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है। मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव की घोषणा के साथ ही यह लड़ाई अयोध्या की राजनीति में एक नया मोड़ ले लेती है।

मिल्कीपुर सीट का इतिहास और महत्व
मिल्कीपुर विधानसभा सीट अयोध्या लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। यह सीट पिछले कुछ वर्षों से सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। 2022 में हुए विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद इस सीट से विधायक चुने गए थे। अवधेश प्रसाद ने 2024 में हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा के लल्लू सिंह को हराकर अयोध्या सीट जीती थी।

अब जब अवधेश प्रसाद लोकसभा सांसद बन चुके हैं, तो मिल्कीपुर सीट खाली हो गई है। इस सीट पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी। भाजपा इस सीट को जीतना चाहती है, जबकि सपा अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को मैदान में उतारकर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है।

अवधेश प्रसाद का राजनीतिक सफर
अवधेश प्रसाद का राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प रहा है। वह पहले समाजवादी पार्टी के साथ थे, लेकिन बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे। 2019 में वह भाजपा के टिकट पर अयोध्या लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और जीत हासिल की थी। हालांकि, 2022 में हुए विधानसभा चुनावों में वह फिर से समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए और मिल्कीपुर सीट से विधायक चुने गए।

2024 में हुए लोकसभा चुनावों में अवधेश प्रसाद ने भाजपा के लल्लू सिंह को हराकर अयोध्या सीट जीती थी। यह उनकी राजनीतिक करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। अब उनके बेटे अजीत प्रसाद को मिल्कीपुर सीट से उम्मीदवार बनाकर समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर अवधेश प्रसाद परिवार पर दांव लगाया है।

योगी सरकार का मिल्कीपुर पर फोकस
मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद कमान संभाली हुई है। योगी आदित्यनाथ ने पिछले कुछ समय में अयोध्या का दौरा किया है और मिल्कीपुर में दो सभाएं भी कीं। इससे साफ है कि भाजपा इस सीट को जीतना चाहती है।

योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में हुए एक रेप कांड का भी जिक्र किया है। इस मामले में सपा नेता मोईद खान का नाम सामने आया था। योगी सरकार इस मुद्दे को उठाकर सपा पर हमला बोल रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अयोध्या रेप कांड उपचुनाव में सपा को झटका दे सकता है।

अजीत प्रसाद पर बड़ी जिम्मेदारी
अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को मिल्कीपुर सीट से सपा का उम्मीदवार बनाकर पार्टी ने उन पर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। अजीत प्रसाद को अपने पिता के लोकप्रिय छवि को कायम रखते हुए इस सीट को जीतना होगा। साथ ही, उन्हें अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने का मौका भी मिला है।

अजीत प्रसाद के सामने एक और चुनौती यह है कि वह अपने पिता के साथ हुए किसी भी विवाद को दूर करके पार्टी और जनता का भरोसा हासिल करें। अगर वह इस चुनौती को पार कर लेते हैं, तो उनका राजनीतिक भविष्य काफी उज्ज्वल हो सकता है।

निष्कर्ष
मिल्कीपुर उपचुनाव अयोध्या की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है। अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को सपा का उम्मीदवार बनाकर पार्टी ने एक बड़ा दांव खेला है। दूसरी