पेट्रोल गाड़ियों से भी सस्ते में मिलेंगे इलेक्ट्रिक वाहन, Auto कंपनियां ला रही यह नई टेक्नोलॉजी

पेट्रोल की बढ़ी कीमतों के चलते हाल के दिनों में इलेक्ट्रिक स्कूटर और कार की मांग तेजी से बढ़ी है। हालांकि, अभी भी इन गाड़ियों का औसत पेट्रोल-डीजल वाहनों के मुकाबले बहुत ही कम है। इसकी वजह यह है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत काफी अधिक है। इस कारण बहुत सारे लोग चाह कर भी अभी Electric Vehicle नहीं खरीद पा रहे हैं। इस बीच एक अच्छी खबर आई है जिससे यह उम्मीद जगी है कि आने वाले दिनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत में बड़ी कमी आएगी। दरअसल, Auto कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहन में लीथियम बैटरी की जगह Sodium Ion Battery का इस्तेमाल करने की तैयारी कर रही है। सोडियम आयन बैटरी की कीमत लीथियम बैटरी से करीब 100 गुना कम पड़ती है। यानी इस बैटरी का इस्तेमाल होते ही इलेक्ट्रिक वाहनों की लगात बहुत ही कम हो जाएगी। इसका फायदा कंपनियां अपने ग्राहकों को देगी। यानी आने वाले दिनों में कीमत में बड़ी कमी आएगी।
दुनियाभर में इलेक्ट्रिक वाहन की मांग बढ़ने से लीथियम बैटरी की कीमत में तेजी से इजाफा हुआ है। साल 2012 के दौरान लीथियम बैटरी की कीमत करीब 4800 डॉलर प्रति टन था, जो आज के वक्त में करीब 85 हजार डॉलर प्रति टन हो गया है। वहीं, सोडियम हाइड्रॉक्साइड की कीमत करीब 900 डॉलर प्रति टन है। साथ ही दुनिया में लीथियम की तुलना में सोडियम का भंडार सैकड़ों गुना अधिक है। यानी सस्ता होने के साथ प्रचुर मात्रा में सोडियम की उपलब्धता इसे भविष्य का पावर हाउस बना सकता है। दुनियाभर में सोडियम की उपलब्धता काफी अधिक है। भारत में सोडियम की कोई कमी नहीं है।
इलेक्ट्रिक वाहन कितनी सस्ती होंगी?
अब सवाल उठता है कि सोडियम बैटरी के इस्तेमाल शुरू होने से इलेक्ट्रिक वाहन की कीमत में कितनी कमी आएगी। ऑटो एक्सपर्ट का कहना है कि किसी भी इलेक्ट्रिक वाहन की लगात में बैटरी का कॉस्ट लगभग 50 फीसदी है। यानी 5 लाख रुपये की अगर गाड़ी है तो उसमें बैटरी की लागत 2 से 2.5 लाख रुपये है। अब लीथियम के मुकाबले सोडियम बैटरी की कीमत को देंखे तो यह करीब 100 गुना तक सस्ता है। यानी अगर इसका इस्तेमाल कार में शुरू हो जाएगा तो 5 लाख रुपये की कार 3 लाख रुपये में मिलना शुरू हो सकता है।

कब तक इस्तेमाल शुरू होने की उम्मीद?
जानकारों का कहना है कि सोडियम का दुनिया भर में खूब भंडार है और वह बेहद सस्ता है, लेकिन इसका इस्तेमाल एकदम से शुरू करना मुश्किल है। ऐसा इसलिए कि लीथियम की तुलना में सोडियम आयन बैटरी कम ऊर्जा स्टोर करती है। इसके चलते कार में बड़ी बैटरी लगाने होगी, जिससे गाड़ी का वजन काफी बढ़ जाएगा। यानी, यह उपयुक्त नहीं होगा। इसके साथ ही लीथियम आयन बैटरी की तुलना में सोडियम की बैटरी उम्र भी कम होती है। इस सब को देखते हुए अभी लंबा रिसर्च करना होगा। इसमें कई साल लग सकते हैं।
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