तस्करी में मुरादाबाद कोर्ट ने 3 महीने पहले सुनाई थी 10 साल कैद

लेडी डॉन
मुरादाबाद
लेडी डॉन के नाम से वेस्ट यूपी में कुख्यात हसीना की पुलिस ने 2 करोड़ की संपत्ति कुर्क कर ली है।05e67234-d809-4c4d-adcb-8823cfa0965a.jpg
मुरादाबाद पुलिस ने डीएम के आदेश पर लेडी डॉन हसीना की करीब 2 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क कर ली है। जब्त की गई संपत्ति में उसकी जयंतीपुर की कोठी भी शामिल है। बता दें कि हसीना को तीन महीने पहले मुरादाबाद की कोर्ट ने चरस तस्करी के मामले में 10 साल की कैद की सजा सुनाई थी। तभी से हसीना जेल में बंद है।

SSP हेमंत कुटियाल ने बताया कि जयंतीपुर निवासी गैंगस्टर हसीना की जो संपत्ति कुर्क की गई है, वह उसने अपराध के जरिए अर्जित की थी। हसीना चरस तस्करी के साथ्ज्ञ-साथ सट्टे के लिए भी बदनाम है। उसका नेटवर्क सिर्फ मुरादाबाद मंडल ही नहीं बल्कि पूरे वेस्ट यूपी में फैला हुआ है। वेस्ट यूपी में नशे और सट्टे की दुनिया में हसीना लेडी डॉन के नाम से कुख्यात है। मेरठ, हापुड़ और बुलंदशहर में भी हसीना चरस तस्करी के मामलों में सुर्खियों में रह चुकी है।

जिस मामले में कोर्ट ने उसे 10 साल कैद की सजा सुनाई है वह करीब तीन साल पुराना है। मझोला थाना क्षेत्र में जयंतीपुर में रहने वाली हसीना को पुलिस और ड्रग्स विभाग की टीम ने 9 अगस्त, 2019 को गिरफ्तार किया था।

उसके पास से नशे के 69 प्रतिबंधित इंजेक्शन, 480 कैप्सूल और डेढ़ किलो चरस बरामद हुई थी। पुलिस और औषधि विभाग ने हसीना के खिलाफ 2 अलग-अलग FIR दर्ज कराई थीं।

पुलिस ने मुनादी भी कराई

हसीना की संपत्तियों पर सरकारी सील लगाने के बाद पुलिस विभाग ने मोहल्ले में ढोल बजवाकर मुनादी भी कराई। हसीना का इस पूरे इलाके में अच्छा खासा दबदबा है। किसी जमाने में हसीना इस इलाके में तैनात होने वाले पुलिस वालों के नाम खुद तय करती थी।

हसीना पर दर्ज हैं हत्या समेत 26 मुकदमे

गैंगस्टर हसीना पर हत्या, जुआ खिलाने, मादक पदार्थों की तस्करी समेत 26 मामले दर्ज हैं। मझोला थाने में उस पर दो बार गैंगस्टर एक्ट लगाया जा चुका है। हसीना सट्टा किंग के नाम से कुख्यात रहे बिट्टू की बहन है।

करीब 5 साल पहले बिट्टू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस का कहना है कि भाई के मरने के बाद हसीना ही उसके सट्टे के धंधे को देखती थी। वह 2006 में हत्या के एक मामले में भी जेल जा चुकी है।

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ये तस्वीर गैंगस्टर हसीना की है।
बहन-भाई मिलकर चलाते थे सट्‌टा सिंडिकेट

शहर के जयंतीपुर इलाके में रहने वाली हसीना ने वर्ष 2000 में अपराध की दुनिया में कदम रखा था।पहले वो छोटा-मोटा सट्‌टा चलाती थी। इसके बाद उसने चरस की तस्करी भी शुरू कर दी। अपराध की दुनिया में हसीना इतनी तेजी से बढ़ी कि 2004 आते-आते हसीना ने शहर में सट्‌टे और नशे के धंधे पर बादशाहत जमा ली।

धंधा बढ़ा तो हसीना ने अपने छोटे भाई बिट्‌टू को इस धंधे में उतार लिया। तंग गली के छोटे से कच्चे मकान में रहने वाली हसीना आलीशान कोठी में रहने लगी। दोनों भाई-बहन मिलकर सट्‌टे और नशे के साम्राज्य को फैलाने लगे।

2008 आते-आते हसीना का भाई बिट्‌टू सट्‌टा किंग के नाम से पहचाना जाने लगा और हसीना को अपराध की दुनिया में लोग लेडी डॉन कहने लगे। 20015 में बिट्‌टू के मर्डर के बाद हसीना कमजोर होती चली गई। सट्‌टे और नशे के उसके सिंडिकेट पर उसके प्रतिद्वंदियों ने कब्जा जमा लिया।

हसीना के इशारे पर होती थी थानों में तैनाती

2007 से 2015 तक का दौर ऐसा था कि हसीना और उसके भाई बिट्‌टू के इशारों पर ही शहर के कई थाने और चौकियों में तैनाती होती थी। पुलिस वाले अच्छी चौकी पाने के लिए अफसरों के बजाए हसीना की कोठी पर चक्कर लगाते थे।​​​​​​

हसीना का सट्‌टे का टर्नओवर इतना बड़ा था कि मुरादाबाद में तैनात रहे बड़े-बड़े सख्त अफसर भी कभी उसके नजराने को ठुकरा नहीं सके। लेकिन भाई की मौत के बाद हसीना के सितारे गर्दिश में पहुंच गए। उसके बाद से वो कभी उबर नहीं सकी