18 गांवों की 20,000 की आबादी बाढ़ से प्रभावित

आजमगढ़ 17 सितम्बरः(डेस्क)लाटघाट क्षेत्र में घाघरा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से सगड़ी तहसील के 18 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इस बाढ़ के कारण 20,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। जलस्तर में वृद्धि ने न केवल ग्रामीणों के जीवन को प्रभावित किया है, बल्कि आवागमन में भी बाधा उत्पन्न की है।

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बाढ़ का प्रभाव
घाघरा नदी के जलस्तर में वृद्धि के चलते गांवों में चारों ओर पानी भर गया है। इससे स्थानीय लोगों को अपने घरों से निकलने में कठिनाई हो रही है। बाढ़ के कारण आवागमन बाधित होने से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है, जिससे स्थानीय बाजारों में आवश्यक सामान की कमी हो गई है।

पशुओं के लिए चारे की समस्या
बाढ़ ने पशुपालकों के लिए भी गंभीर समस्याएँ उत्पन्न कर दी हैं। चारे की कमी के कारण पशुओं को भूखा रहना पड़ रहा है, जिससे उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है ताकि उन्हें और उनके पशुओं को राहत मिल सके।

जंगली और विषैले जानवरों का खतरा
गांवों में पानी भर जाने से जंगली और विषैले जानवरों का खतरा भी बढ़ गया है। ग्रामीणों में डर और चिंता का माहौल है, क्योंकि ऐसे जानवर उनके जीवन और संपत्ति के लिए खतरा बन सकते हैं। यह स्थिति और अधिक गंभीर हो जाती है जब लोग अपने घरों से बाहर निकलने में असमर्थ होते हैं।

राहत कार्य
स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू करने का आश्वासन दिया है, लेकिन अभी तक राहत सामग्री का वितरण सीमित मात्रा में ही हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें जल्दी मदद की आवश्यकता है ताकि वे इस संकट से उबर सकें।

निष्कर्ष
इस बाढ़ ने लाटघाट क्षेत्र के निवासियों की जीवनशैली को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। जलस्तर की वृद्धि, आवागमन में बाधा, पशुओं के लिए चारे की कमी, और जंगली जानवरों का खतरा सभी मिलकर एक गंभीर स्थिति उत्पन्न कर रहे हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह त्वरित कार्रवाई करते हुए राहत सामग्री और सहायता प्रदान करे ताकि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द मदद मिल सके।