रात 10 बजे तक लागू रहेगी व्यवस्था, भारी वाहनों के लिए शहर में नो-एंट्री
अलीगढ़ 19 अगस्त : (डेस्क) सावन के अंतिम सोमवार और रक्षाबंधन के पर्व को देखते हुए अलीगढ़ में आज रूट डायवर्जन और नो-एंट्री की व्यवस्था लागू है। सावन माह शुरू होने से पहले ही यातायात पुलिस ने यह व्यवस्था लागू की थी, जो हर सोमवार को व्यवस्था बनाने के लिए प्रभावी रही। शिवभक्त और कांवड़िये लगातार खेरेश्वर धाम, अचलेश्वर धाम, गभाना स्थित भूमिया बाबा मंदिर में पहुंचेंगे और भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं।
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सावन के महीने में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए, विभिन्न शहरों में रूट डायवर्जन और नो-एंट्री की व्यवस्था लागू की गई है। यह व्यवस्था सावन के हर सोमवार और विशेष तिथियों पर लागू होती है। रक्षाबंधन के अवसर पर, पूरे दिन रूट डायवर्जन और नो-एंट्री का नियम लागू रहेगा, जिससे शहर में यातायात नियंत्रित किया जा सकेगा। पुलिस कर्मी इस दौरान पूरी तरह से अलर्ट रहेंगे और रात 10 बजे तक यह व्यवस्था जारी रहेगी। किसी भी वाहन को शहर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिल सके।
सावन के प्रत्येक सोमवार पर रूट डायवर्जन की व्यवस्था मुख्य रूप से श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए लागू की जाती है। इस दौरान बड़ी संख्या में कांवड़ यात्री जल लेकर आते हैं, जिससे यातायात में भारी भीड़ होती है। प्रशासन इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रूट डायवर्जन और नो-एंट्री की व्यवस्था करता है, ताकि श्रद्धालुओं को सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से यात्रा करने का अवसर मिले. इसके अलावा, विशेष तिथियों जैसे रक्षाबंधन पर भी यह व्यवस्था लागू रहती है, जिससे यातायात सुचारू बना रहे.
सावन के सोमवार को रूट डायवर्जन का मुख्य फायदा श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुगम यात्रा सुनिश्चित करना है। इस दौरान बड़ी संख्या में कांवड़ यात्री जल लेकर आते हैं, जिससे यातायात में भारी भीड़ होती है। रूट डायवर्जन से ट्रैफिक जाम की समस्या को कम किया जा सकता है और श्रद्धालुओं को मंदिरों तक आसानी से पहुंचने में मदद मिलती है। इसके अलावा, यह व्यवस्था पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा बनाए रखने में सहायता करती है, जिससे धार्मिक आयोजनों का सफलतापूर्वक संचालन संभव होता है.