लंपी से बचाव के लिए 1.16 लाख संरक्षित पशुओं को लगेगा टीका

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बागपत 18 सितंबर : (डेस्क) लंपी बीमारी से बचाव के लिए पशुपालन विभाग अलर्ट।शासन से वैक्सीन आवंटित, 1.16 लाख पशुओं का होगा टीकाकरण।संरक्षित पशुओं में लंपी बीमारी की रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदम।

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बागपत जिले में संरक्षित पशुओं में लंपी बीमारी से बचाव के लिए पशुपालन विभाग ने अलर्ट जारी किया है। यह बीमारी दो साल पहले सामने आई थी और इसके प्रभाव को देखते हुए विभाग ने इस बार पूरी तैयारी की है। शासन से वैक्सीन आवंटित होने के बाद, जिले में 1.16 लाख पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा।

लंपी स्किन डिजीज, जिसे लंपी वायरस भी कहा जाता है, मवेशियों के लिए एक संक्रामक रोग है। यह रोग पॉक्सविरिडे फैमिली के वायरस के कारण होता है और इससे प्रभावित पशुओं में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस बीमारी का प्रभाव न केवल पशुओं की सेहत पर पड़ता है, बल्कि इससे दूध उत्पादन पर भी नकारात्मक असर पड़ता है, जिससे पशुपालकों को आर्थिक नुकसान होता है।

पशुपालन विभाग ने टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए गांवों में टीमों को उतारा है। ये टीमें पशुपालकों को जागरूक करने के साथ-साथ बीमारियों की पहचान और उपचार के बारे में जानकारी दे रही हैं। बड़ौत क्षेत्र में लंपी स्किन रोग तेजी से फैल रहा है, जिसके चलते विभाग ने विशेष ध्यान दिया है।

पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वे संक्रमित पशुओं को अन्य स्वस्थ पशुओं से अलग रखने और उनके आवागमन पर रोक लगाने के निर्देश दे रहे हैं। इसके साथ ही, पशुपालकों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने पशुओं की नियमित जांच कराएं और किसी भी संदिग्ध लक्षण पर तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें।

टीकाकरण अभियान का उद्देश्य न केवल लंपी बीमारी से बचाव करना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि जिले में मवेशियों की स्वास्थ्य स्थिति बेहतर रहे। विभाग का मानना है कि इस अभियान से पशुपालकों को सुरक्षा मिलेगी और वे अपने व्यवसाय को सुरक्षित तरीके से चला सकेंगे।

इस प्रकार, बागपत का पशुपालन विभाग इस गंभीर समस्या का समाधान खोजने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है, ताकि भविष्य में ऐसी बीमारियों के प्रभाव को कम किया जा सके।