अलविदा: 'राजू देश की नब्ज को गुदगुदाने का हुनर जानते थे
अक्सर राजू के नाम के साथ लोग कॉमेडियन विशेषण के तौर पर लगा देते हैं। मैं इससे इत्तेफाक नहीं रखता। राजू जैसे लोग गंभीर कलाकार हैं और हास्य एक ऐसी विधा है जिसे कर पाना अभिनय में सबसे मुश्किल काम माना जाता है।राजू श्रीवास्तव (असली नाम सत्य प्रकाश श्रीवास्तव) से मेरी पहली मुलाकात उन दिनों हुई जब उन्हें कानपुर से बंबई (अब मुंबई) आए काफी अरसा हो चुका था। वह स्टेज शो में नजर आने लगे थे और अक्सर उनकी जरूरत ऐसे शोज में इसलिए होती थी कि मुख्य कलाकार को थोड़ी देर आराम करने का मौका मिल जाए। लेकिन, मेहनतकश लोग हाशिए से निकलकर लाइमलाइट में आ ही जाते हैं।दरअसल, कम लोगों को ही पता होगा कि राजू श्रीवास्तव को आगे बढ़ाने में उन दिनों के कॉमेडी के सुपरस्टार जॉनी लीवर ने बहुत मदद की। राजू ने भी लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने का ये बड़ा काम आगे बढ़ाया और बहुत नाम कमाया।राजू श्रीवास्तव जैसा कलाकार इस बात से चिंतित था कि अगर ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ वह जीत न सके तो उनकी काफी बदनामी हो सकती थी। मैंने उन्हें प्रतियोगिता में भरोसा करने को कहा और कहा कि उन्हें अपनी काबिलियत पर भी भरोसा रखना चाहिए। इस शो में वह तीसरे नंबर पर रहे थे क्योकि उनका आखिरी एक्ट काफी खराब हो गया था। इसे लेकर वह कई दिनों तक परेशान भी रहे। लेकिन, मैंने उन्हें समझाया कि क्रिकेट के मैच में कई बार नए नए खिलाड़ी छक्कों की बरसात कर देते हैं लेकिन इससे वह सुनील गावस्कर थोड़े ही बन जाते हैं। जब भी कभी बड़ा शो होगा तो जाहिर है कि लाइम लाइट तब भी राजू श्रीवास्तव पर ही रहेगी।इसी शो में भगवंत मान (अब पंजाब के मुख्यमंत्री) भी प्रतियोगी के तौर पर हिस्सा ले रहे थे और नवजोत सिंह सिद्धू ने शो शुरू होने से पहले मुझे उनके बारे में विस्तार से बताया था। मान का तब तक पंजाब में बड़ा नाम हो चुका था, लेकिन जब राजू मंच पर आए तो पूरा माहौल बदल गया। दर्शकों से लेकर स्टेज पर मौजूद सारे लोग पेट पकड़कर देर तक हंसते रहे।
राजू श्रीवास्तव हास्य की दुनिया में जनता का दुख दर्द लेकर आए। वह कॉमेडी में ताजा हवा के झोंके की तरह थे। देश के दिल को उन्होंने कॉमेडी का मंच दिया। तब तक लोगों को इस बात का इल्म भी नहीं था कि किसी के चलने फिरने, बोलने बतियाने के ढंग को भी हास्य में तब्दील किया जा सकता
Very sad