डीएम की अध्यक्षता में जनपद में सम्भावित सूखे के दृष्टिगत बैठक हुई आयोजित

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संत कबीर नगर 30 अगस्त 2022(सू0वि0)। सूखे के सम्भावना के दृष्टिगत सूखा प्रबन्धन हेतु जिलाधिकारी दिव्या मित्तल की अध्यक्षता एवं अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) मनोज कुमार सिंह की उपस्थिति में कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक हुई सम्पन्न।
बैठक में जिलाधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के परिपेक्ष्य में सूखा एक मुख्य आपदा है। सूखा धीरे-धीरे होने वाली ऐसी प्राकृतिक आपदा है जो हमें निपटने का काफी समय प्रदान करता है, परन्तु जल का समुचित प्रबन्धन न होने के कारण इसका प्रभाव बढ़ता जाता है। सूखे का मुख्य कारण बारिश की कमी तथा पानी के सही संरक्षण का अभाव होना है। मानसून अवधि में कम वर्षा होने की स्थिति में सूखे की स्थिति सम्भावित होती है, जिससे जायद एवं खरीफ की फसलों के लिये सिंचाई, मनुष्यों के लिये पेयजल और विभिन्न बीमारियों तथा पशुओं हेतु पेयजल एवं चारे के साथ-साथ विभिन्न बीमारियांे का सकट भी उत्पन्न हो सकता है।
जिलाधिकारी ने सभी सम्बंधित विभागों के विभागाध्यक्षों को निर्देशित करते हुए कहा है कि - पंचायतीराज विभाग/ग्राम्य विकास विभाग/नगर विकास विभाग, उर्जा विभाग, चिकित्सा विभाग, कृषि विभाग/उद्यान विभाग, पशुधन विभाग आदि सभी सम्बंधित विभागों को निर्देशित किया है कि सभी कार्य ससमय पूर्ण कर कार्ययोजना तैयार कर लिया जाए, जनपद में सूखा की स्थिति बनी हुई है, जिससे उससे निपटने के लिए सभी विभागों को अपनी-अपनी कार्य योजना बना कर सूखा प्रबन्धन हेतु कार्य योजना तैयार रखे। 
उन्होंने जिला विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, सहित सभी सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि पेय जल की सभी श्रोतों/संसाधनों के उचित मरम्मत हेतु तैयारियों कर ली जाए, खराब नलकूपो को समय से मरम्मत सुनिश्चित करना, पेयजल के कुओं को आवश्यकतानुसार गहरा करना, पशुओं के पेयजल हेत सिंचाई विभाग की नहरों/नलकूपों/निजी नलकूपों के माध्यम से तालाब एवं पोखरों को भरवाने की व्यवस्था सुनिश्चित करना एवं खेतिहर मजदूरों एवं अन्य जरूरतमंद लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की व्यवस्था। उन्होंने अधिशाषी अभियन्ता विद्युत को निर्देशित किया है कि खराब ट्रान्सफार्मर की व्यवस्था, रोस्टर के अनुसार निर्धारित समय में निर्वाध विद्युत आपूर्ति हेतु व्यवस्था सुनिश्चित कराना। उन्होंने अधि0 अभि0 सिचाई विभाग को निर्देशित किया है कि जनपद में सूखें की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए जनपद में किसानों के लिए सिचाई के सभी संसाधनों/सरकारी नलकूपों के चालू स्थिति, नहरों को रोस्टर के अनुसार चलाये जाने, नहरों के अवैध कटान पर कड़ी निगरानी रखना है। 
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देेशित किया है कि जनपद में सूखें की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए संक्रामक रोगो एवं महामारियों से बचाने के लिए आवश्यक निषेधात्मक व्यवस्था एवं संघन चिकित्सीय व्यवस्था एवं महामारियों के नियंत्रण हेतु वांछित दवाओं को चिन्हांकन करके समुचित स्टाक की व्यवस्था कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया है कि पशुओं के चारे के अभाव की स्थिति से निपटने हेतु कार्ययोजना तैयार करना, पशु चिकित्सालयों में पशुओं के उपचार के संसाधन एवं दवाओ की समुचित व्यवस्था एवं महामारी के नियत्रंण हेतु दवाओं का चिन्हिाकंन करके समुचित स्टाक की व्यवस्थ सुनिश्चित करें। 
जिलाधिकारी ने जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देशित किया है कि सूखे की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए आकस्तिकता हेतु आवश्यक खाद्यान्न एवं उपभोक्ता वस्तुओं की व्यवस्था की योजना तथा कुपोषण की स्थिति से निपटने हेतु कार्ययोजना एव खाद्य सुरक्षा योजना का प्रभावी क्रियान्वयन कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने जिला कृषि अधिकारी/जिला उद्यान अधिकारी को निर्देशित किया है कि मृदा में नमी संरक्षण के उपायों का प्रचार-प्रसार करना, वैकल्पिक फसलों के साथ खाद्य एवं बीज के प्रबन्ध की व्यवस्था एवं फसलों में रोग बचाव हेतु कीटनाशक दवाओं की समुचित व्यवस्था कराना सुनिश्चित करें। 
इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 अनिरूद्ध कुमार सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी जगदम्बा प्रसाद, जिला विकास अधिकारी सुदामा प्रसाद, उप जिलाधिकारी सदर अजय कुमार त्रिपाठी, उप जिलाधिकारी धनघटा रवीन्द्र कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी, जिला पंचायत राज अधिकारी राजेन्द्र प्रसाद, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी संजय कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी महेन्द्र कुमार, जिला कृषि अधिकारी पी0सी0 विश्वकर्मा, क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी सुनीता, जिला कार्यक्रम अधिकारी विजयश्री, अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका सुरेश कुमार मौर्य, अधिशाषी अभियन्ता विद्युत दिव्य रंजन, सूचना अधिकारी सुरेश कुमार सरोज सहित सम्बंधित अधिकारी आदि उपस्थित रहें।