विद्यालय खुलने बाद से आज तक नहीं बना मिड-डे मील।

in #uttarpradesh2 years ago

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*विद्यालय खुलने बाद से आज तक नहीं बना मिड-डे मील।

ग्राम बनी के प्राथमिक विद्यालय पर बीएसए के आदेश की उड़ रही धज्जियां।

उत्तर प्रदेश सरकार के स्कूल चलो अभियान के अंतर्गत कस्बों ग्रामीण अंचलों,में लगातार सरकारी विज्ञापनों के माध्यम से प्राइमरी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं, साथ ही बच्चों को सरकारी मीनो के अनुसार दोपहर के भोजन की व्यवस्था भी की गई है।इस योजना के लिए सरकार करोड़ो रूपये खर्च कर रही है।लेकिन विद्यालयों में आज भी सरकारी निर्देशों की लगातार अवेहलना हो रही हैं।सरकारी स्कूलों में अधिकतर शिकायत अध्यापकों के विद्यालय में देरी से पहुंचने की होती हैं, दूसरी तरफ कई विद्यालयों में मिड-डे मील की काफी शिकायते भी मिलती रहती हैं।इसी क्रम में आज जनपद एटा की तहसील के ब्लॉकअलीगंज के ग्राम बनी में मिड-डे मील की शिकायत मिलने पर मीडिया के कुछ पत्रकारों ने बनी के प्राथमिक विद्यालय पहुंचकर जब बच्चों से मिड-डे मील के बारे में जानकारी ली तो बच्चों ने एक स्वर में बताया कि जब से विद्यालय खुला है, तब से हम लोगों को मिड-डे मील का भोजन नहीं मिला है, हम लोग खाना खाने घर जाते हैं।इस बात की जानकारी होने के उपरांत वहाँ उपस्थित सहायक अध्यापक से बात की तो उन्होंने बताया कि यहाँ पर कोई प्रधानाचार्य नहीं है, इसलिए मिड-डे मील नही बन रहा।इसकी शिकायत जब एबीएसए अलीगंज आनंद दुवेदी से की तो उन्होंने बताया कि ग्राम बनी के प्राथमिक विद्यालय में बीएसए एटा ने लिखित रूप से कुं0 सना की नियुक्ति का फरमान दिया गया,परन्तु कुं0 सना वहां के चार्ज को लेने में आनाकानी ही नहीं कर रही अपितु बीएसए के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए चार्ज लेने से साफ इंकार कर रही हैं।दूसरी तरफ वर्तमान में विधालय तो ज्यादा है,पर प्रधानाचार्य बहुत कम है, इन परिस्थितियों में सहायक अध्यापकों को चार्ज देकर व्यवस्था को ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है।कुल मिला कर बनी में तैनात कु0 सना बीएसए द्वारा निर्देशित लिखित आदेश को मानने को तैयार नहीं है, जैसा कि बीआरसी ऑफिस से बताया गया,साथ ही बीएसए के द्वारा दिये गए आदेश की प्रतिलिपि मीडिया को देते हुए,सत्यता से रूबरू कराया।इससे निष्कर्ष यह निकलता है,कि उत्तर प्रदेश के तेज तर्रार मुख्यमंत्री योगी जी के शिक्षा के प्रति जो प्रयास किए जा रहे हैं,उनका जमीनी स्तर पर कोई प्रभाव पड़ता नजर नहीं आ रहा है।यदि सरकार ने बनी विद्यालय के अलावा अन्य विद्यालयों की मिड-डे मील की ज्वलंत समस्या पर ध्यान नहीं दिया तो बच्चों को शिक्षित बनाने का सरकार का सपना कभी पूरा नहीं होगा।