मुख्तार अंसारी के पुत्रों को हाईकोर्ट से मिली राहत

गाजीपुर। मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी व उसके भाई उमर अंसारी को विधानसभा चुनाव के दौरान अफसरों को धमकाने वाला आपत्तिजनक भाषण देने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिल गई। कोर्ट ने सरकार की ओर से याचिका पर समय से जवाब दाखिल करने में असफल रहने पर अब्बास अंसारी के खिलाफ जारी सम्मन पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति समित गोपाल ने अंसारी बंधुओं के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय और सरकारी वकील को सुनने के बाद कहा कि यह आदेश सरकार की ओर से जवाब दाखिल करने में दिखाई गई निष्क्रियता के कारण दिया जा रहा है।अब्बास अंसारी व उमर अंसारी ने याचिका दाखिल कर मऊ की स्पेशल कोर्ट एमपी/एमएलए द्वारा अब्बास व उमर के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लेकर सम्मन जारी करने के 23 मई 2022 के आदेश को चुनौती दी थी। याचिका में इस आदेश को रद्द करने और 11 मई 2022 को दाखिल चार्जशीट को रद्द करने की मांग की गई थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने गत 6 सितंबर को सरकारी अधिवक्ता को इस मामले की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याची का अपराधिक इतिहास है, जिसे उसने इस याचिका में छिपाया है। उन्होंने कोर्ट से मामले में जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा था। कोर्ट ने सरकारी वकील को जवाब दाखिल करने की मोहलत दे दी है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कोर्ट से कहा कि कुछ कठिनाइयों के कारण जवाब नहीं दाखिल किया जा सका है। उन्होंने इसके लिए 10 दिन की मोहलत फिर मांगी है। याचियों के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह याचिका सितंबर माह से लंबित है। सरकारी वकील को जानकारी उपलब्ध कराने और फिर जवाब दाखिल करने के लिए दो बार समय दिया जा चुका है, लेकिन सरकार की ओर से अब तक जवाब नहीं दाखिल किया गया। जबकि इस दौरान मामले के विवेचक ने स्पेशल कोर्ट एमपी/एमएलए से याची के खिलाफ गैर जमानती वारंट हासिल कर लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार की निष्क्रियता के कारण मामले की सुनवाई नहीं हो पा रही है, इसलिए याची को अंतरिम संरक्षण दिए जाने की आवश्यकता है, ताकि वह इस याचिका के माध्यम से अपने पास उपलब्ध वैकल्पिक उपचार का प्रयोग कर सकेIMG-20220812-WA0039.jpg