योगी सरकार के मंत्री जितिन प्रसाद बोले- मैं नाराज़ नहीं हूँ

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा है कि नेतृत्व से उनकी कोई नाराज़गी नहीं है और न ही अभी केंद्रीय नेतृत्व से मिलने की कोई योजना है.

प्रसाद विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए थे. 18 जुलाई को उनके ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी यानी ओएसडी अनिल कुमार पांडे को हटा दिया गया था. इससे पहले आदित्यनाथ ने पीडब्ल्यूडी के पाँच अन्य अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया था. जितिन प्रसाद के पास पीडब्ल्यूडी विभाग है और उसमें तबादलों में नियमों के पालन नहीं करने के आरोप लग रहे थे. कहा जा रहा था कि जितिन प्रसाद अपने ओएसडी के हटाए जाने से नाराज़ हैं और दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व से मुलाक़ात करेंगे.

पूरे मामले पर अब जितिन प्रसाद ने समाचार एजेंसी एएनआई से अपना पक्ष रखा है. जितिन प्रसाद ने कहा है, ''पीएम मोदी और मुख्यमंत्री योगी की भ्रष्टाचार पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति है. अगर विभाग में कोई अनियमितता है तो सरकार ठोस क़दम उठाएगी. एक निष्पक्ष जांच होगी और जहाँ गड़बड़ी है, वहाँ कार्रवाई होगी और बदलाव भी होगा... नाराज़गी की कोई बात नही है.''

जितिन प्रसाद ने कहा, ''जहाँ तक केंद्रीय नेताओं से मिलने की बात है, जब भी हमें समय मिलता है, हम उनसे मिल सकते हैं. लेकिन अभी उनसे मिलने का मेरा कोई विचार नहीं है.''

जितिन प्रसाद को लेकर विवाद चल ही रहा था कि योगी सरकार में जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफ़े की अटकलों का बाज़ार गर्म हो गया.

ख़बर है कि दिनेश खटीक ने इस्तीफ़े की पेशकश की है. उनका आरोप है कि विभाग के अधिकारी उनकी उपेक्षा करते हैं.

दिनेश खटीक के नाम से एक पत्र वायरल हो रहा है. यह पत्र केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित करते हुए लिखा गया है. हालाँकि दिनेश खटीक से उनके गृह ज़िले मेरठ में इस्तीफ़े की ख़बर पर मीडिया के लोगों ने प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने कहा कि ऐसा कोई विषय नहीं है.