बेटी ने दी पिता को मुखाग्नि तो फफक पड़े लोग

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IMG-20221031-WA0138.jpgबस्ती । थाना क्षेत्र के पिलखाव गांव निवासी 65 वर्षीय सत्यदेव तिवारी पुत्र रामकृपाल तिवारी की सोमवार को मौत हो गई । चार बेटियों के पिता सत्यदेव को जब उनके नंबर दो की बेटी रामरती ने श्मशान घाट पर मुखाग्नि दी तो लोग अपने आंसुओं पर काबू ना कर सके । सत्यदेव के पास प्रियंका रामरती रामसती और लक्ष्मी नामक चार बेटियां है । लक्ष्मी सबसे बड़ी बेटी है जिसकी शादी हो चुकी है और वह अपने घर रहती है ।हालांकि पिता के सूचना के बाद वह भी आ गई थी । सत्यदेव पिछले एक साल से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे । घर की रही सही पूजी तो बीमारी में लग ही गई । दवा कराने के लिए उनकी पत्नी साधना ने हित रिश्तेदारों से उधारी भी ले ली लेकिन अंततोगत्वा सत्यदेव के प्राण नहीं बचाया जा सके । परिवार की गरीबी के अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अभी भी यह परिवार एक खपरैल के छोटे से मकान में जीवनयापन करता है । सोमवार को उनकी मौत के बाद सबसे बड़ा प्रश्न यह था कि पुत्र बिहीन सत्यदेव का दाह संस्कार कौन करें तो उनके दूसरे नंबर की बेटी रामरती ने यह बीड़ा उठाया और दाह संस्कार के सारे इंतजाम जनसहयोग से करते हुए शव को लेकर के भिउरा सरयू नदी के तट श्मशान घाट पहुंच गई । जब रामरती ने पिता को मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद ग्राम प्रधान दीप चंद्र यादव राजेंद्र तिवारी, उदय शंकर तिवारी हरिशंकर तिवारी, राकेश पांडे अभिषेक पांडे, राजन उपाध्याय सहित तमाम लोग अपने आंसुओं पर काबू न कर सके । आर्थिक तंगी में जीवनयापन कर रहे इस परिवार के सामने ना केवल क्रियाकर्म संपन्न कराने के लिए आर्थिक समस्या मुंह बाए खड़ी है बल्कि परिवार को चलाने और देनदारी चुकाने के लिए भी कम दुश्वारियां नहीं है ।