चंबल नदी का तेज गति से बढता जलस्तर,बाढ का खतरा
नहर विभाग की इमारत मे बाढ का पानी रोकने का उपाय शुरु
पिनाहट ।राजस्थान के कोटा बैराज से बडी संख्या मे पानी छोडे जाने के बाद चंबल नदी का जलस्तर तेजी से बढने लगा।वही नदी मे बाढ के खतरे को देखते हुऐ तटवर्ती गांव के लोग भी खोफ जदा दिखे तो नहर विभाग पम्पिंग मशीने बचाने की जद्दोजहद मे जुट गया।
राजस्थान व मध्यप्रदेश मे लगातार चल रही बारिश् के बाद राजस्थान के कोटा शहर स्थित चंबल नदी पर बना बैराज से मंगलवार दोपहर से लेकर शाम तक तीन बार मे करीब पांच लाख पानी चंबल नदी मे छोडा गया।जिसके बुधवार रात करीब बारह बजे तक पिनाहट घाट पहुंचेगा।वही कोटा बैराज से इतनी ही संख्या मे पानी नदी मे और छोडा जाना हे।जिसको देखते हुऐ नदी मे बाढ आना अवश्यम्भावी दिख रहा है।मंगलवार शाम तक नदी का जलस्तर 120 मीटर पर पहुच गया था।जो बुधवार शाम तक तेजगति से बढते जलस्तर के साथ 123 तक पहूच गया वही नदी मे बाढ के खतरे को देखते हुऐ पिनाहट चंबल नदी पर बनी नहर विभाग की पम्पो की रखने के लिये इमारत मे रखी करोडो रुपये की मशीनो को पानी से सुरक्षित करने के लिये मुख्य द्वार पर मजबूत दीवार लगाने का काम दिनभर चलता रहा।वही नदी मे पानी छोडे जाने की सूचना के बाद तटवर्ती गांव मे हड़कंप मचा रहा।लोग दो बर्षो से लगातार आ रही बाढ से हुई तबाही के मंजर को को सोच सोच कर परेशान दिखाई दिये।वही बाढ के खतरे के लिये प्रशासन भी अपनी कमर कसता हुआ नजर आया।बुधवार को उपजिलाधिकारी बाह रतन सिंह वर्मा ने समूची तहशील के लिये आठ बाढ नियंत्रण चौकियों तैयार की।जिनमे राजस्व विभाग की टीभे गांव गांव जाकर लोगो को बाढ के पानी के आने से पहले ही सुरक्षित स्थान तक पहुचाने का काम करेगी।