जिंदा समझकर डेढ़ साल से शव के साथ रह रहा था परिवार, पहले ही कोरोना से हो चुकी थी मौत

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उत्तरप्रदेश: कानपुर के रावतपुर थाना क्षेत्र के कृष्णापुरी रोशन नगर में एक परिवार डेढ़ साल से आयकर अधिकारी की लाश के साथ रह रहा था। मामले की जानकारी तब हुई जब शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके घर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। हालांकि परिजनों ने शुक्रवार शाम शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। जिसके चलते पुलिस ने कागजी कार्रवाई के बाद शव को परिजनों के हवाले कर दिया। परिजनों ने देर शाम पुलिस की मौजूदगी में भैरव घाट स्थित विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार कर दिया।इस घटना की जानकारी तब लगी जब विमलेश सोनकर इनकम टैक्स विभाग में एओ के पद पर कार्यरत थे और वो पिछले साल अप्रैल से ड्यूटी पर न जाने की वजह से विभाग के अधिकारियों ने परिजनों से उनके बीमार होने का प्रमाणपत्र मांगा। पत्नी ने उन्हें जवाब दिया कि घर में ही उनका इलाज चल रहा है। उनका मेडिकल सार्टिफिकेट नहीं बन पा रहा है। इसके बाद आयकर विभाग ने सीएमओ को पत्र भेजा कि विमलेश की पत्नी लिखकर भेजती है कि उनका मेडिकल सार्टिफिकेट नहीं बन रहा। इस पर सीएमओ ने जांच कमेटी गठित की थी। जांच में पता चला कि विमलेश को पिछले साल अप्रैल में डबल निमोनिया होने के बाद शहर के कई अस्पतालों, लखनऊ के अस्पताल और बाद में बिरहाना रोड स्थित मोती हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां उनकी मृत्यु हो गई थी।