एक पैर न होने पर भी क्रिकेट खेलता है निर्मलजीत सिंह

in #up2 years ago

क्रिकेट का जुनून, सभी टूर्नामेंटो में हिस्सा लेता है

पुरनपुर। आज हम बात करेगा एक ऐसे खिलाड़ी की जिसका एक पैर नही है,लेकिन वह अपनी टीम का कप्तान है ,और अपने दम पर अकेले मैच जीताने का दम रखता है। जी हाँ पुरनपुर तहसील के छोटे से गांव रुदपुर का रहने वाला निर्मलजीत सिंह पुत्र अतरसिंह जिसका एक पैर नही है, वह फिर भी क्रिकेट खेलता है ,और अपनी टीम की कप्तानी भी करता है। अपने आस पड़ोस के कोई भी टूर्नामेंट नही छोड़ता जिसमे वह हिस्सा न लेता हो,लोग आशचर्य चकित रह जाते है जब वह फील्डिंग करता है ,विकेट के पीछे चीते जैसी फुर्ती है उनके पास, जो अच्छी ड्राइव भी मारते है।कप्तान के साथ ही वह अपनी टीम के विकेट कीपर भी है ,जो एक भी गेंद को मिस नही होने देते,जो लोग उनका खेल देखता है वह देखता रह जाता है। एक पैर न होने पर भी पूरे मैच में एक पैर से खड़े होकर विकेट कीपिंग करना बड़ा कठीन है ,लेकिन निर्मल जीत पूरे मैच में कीपिंग करते है और अच्छी अच्छी ड्राइव मारकर कैच भी पकड़ते है ।निर्मलजीत सिंह पुत्र अतर सिंह जिला पीलीभीत के तहसील पुरनपुर के छोटे से गांव रुदपुर के निवासी हैं निर्मलजीत के एक पैर में 2005 में कैंसर की शिकायत थी ।जिसका लखनऊ से काफी इलाज चला बाद में उनका एक पैर काटना पड़ा ।निर्मलजीत सिंह ने हिम्मत नहीं हा री ।वह 2011 से क्रिकेट खेल रहे हैं और आज भी अपनी टीम के कप्तान और विकेटकीपर भी हैं। वह अपने क्षेत्र के साथ ही दूर दूर जाकर टूर्नामेंट खेल चुके हैं और अकेले दम पर काफी मैंच जीता चुके है। पुरनपुर तहसील में जगह जगह हो रहे इस समय क्रिकेट टूर्नामेंट में उन्होंने शायद कोई टूर्नामेंट छोड़ा हो जिसमें उन्होंने हिस्सा न लिया हो, सपहा में हुआ पंडित जियालाल क्रिकेट टूर्नामेंट उन्होंने हिस्सा लिया और अपनी टीम का नेतृत्व किया, उन्होंने विकेट के पीछे स्टंपिंग के साथ कैच भी लपके ,कमेटी ने उनकी काफी तारीफ की । एक पैर न होने पर भी इतना अच्छा खेलना ये किसी चमत्कार से कम नही है।