गरीबी से बेबस इंसान, चार कंधों का भी नहीं मिला सम्मान;

in #up11 months ago

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गरीबी इंसान को किस कदर बेबस बना देती है इसका हृदय विदारक उदाहरण शुक्रवार को तब देखने को मिला जब एक महिला की मौत के बाद उसे न तो चार कंधे नसीब हुए और न ही अर्थी मिली। जबकि हर इंसान को मौत के बाद सम्मानजनक अंतिम संस्कार का नैसर्गिक हक है। लेकिन महिला के गरीब पिता और पति ने बांस में चादर बांधकर उसमें शव रखा और अंतिम संस्कार के लिए चल पड़े।

दोपहर के वक्त प्रयागराज के झुंसी की सड़क पर लोगों ने यह दृश्य देखा तो मदद का हाथ बढ़ाया। सूचना पर पुलिस भी पहुंच गई। चंदा जुटाकर गरीब परिवार की मदद की।
शव वाहन तो नहीं मिल सका, आखिर में ई-रिक्शा से शव दारागंज श्मशान घाट अंतिम संस्कार के लिए भेजा गया। वाराणसी का रहने वाला गरीब परिवार कुछ दिन पहले प्रयागराज आया था। यह परिवार झुंसी के नीबी गांव में पत्तल बेचकर जीवन यापन करता है। इसी परिवार के नखडू की पत्नी अनीता (26) कुछ दिनों से बीमार थी। शुक्रवार को उसकी मौत हो गई। अंतिम संस्कार के लिए भी परिवार के पास पैसे नहीं थे। आखिर में अनीता के पिता मैनेजर और पति नखड़ ने बांस में चादर बांधी और उसी में शव रखकर अंतिम संस्कार के लिए चल दिए। पीछे-पीछे अनीता की मां रोते हुए चल रही थी।