जुमे की नमाज के बाद कोई प्रदर्शन ना करें मुस्लमान : जमीयत
मुजफ्फरनगर। जमीयत उलमा ने कहा कि मुसलमान जुमे की नमाज के बाद कोई प्रदर्शन न करें। जुमे के प्रदर्शन करने से हम अपने उद्देश्य से भटक जाएंगे और सांप्रदायिक तत्वों के मिशन को मजबूती मिलेगी।
बुधवार को जमीयत उलमा की सभी यूनिट के पदाधिकारियों की विशेष बैठक मेरठ रोड स्थित मस्जिद नुमाइश कैंप में हुई। जिला महासचिव मौलाना मुकर्रम अली कासमी ने कहा कि बैठक में जुमे की नमाज के बाद वर्तमान स्थिति में किसी भी तरह के प्रदर्शन न करने का सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया। बेकसूर लोगों पर सरकार की ओर से की जा रही कार्यवाही का भी विरोध किया गया। कासमी ने कहा कि सांवैधानिक रूप से अपने विरोध को दर्ज कराने का हमारे पास मौलिक अधिकार है जो कानून के दायरे में रहकर किया जाए। मौलाना नजर मुहम्मद कासमी ने कहा कि किसी भी धर्म के पेशवाओं को बुरा भला कहने का किसी को हक नहीं है। जो ऐसा करते हैं वे समाज, इंसानियत तथा देश के दुश्मन हैं।
जमीयत के पदाधिकारियों ने कहा कि जब हमारे देश में न्याय पालिका मौजूद है तो ऐसी बर्बरता पूर्ण कार्यवाही नहीं होनी चाहिए। नूपुर शर्मा व नवीन जिंदल को शीघ्र गिरफ्तार किए जाने की मांग रखी गई। जमीयत उलमा के पदाधिकारियों ने प्रस्ताव में मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि जुमे की नमाज को हमेशा की तरह ही मस्जिदों में अदा करें और किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान ना दें।
अध्यक्षता जिलाध्यक्ष मौलाना कासिम कासमी ने की। बैठक का आगाज कारी असरार की तिलावत और नात ए रसूल से हुआ। फक्करशाह मस्जिद के इमाम मौलाना खालिद जाहिद ने दुआ कराइ। हाजी शाहिद त्यागी, हकीम उम्मेद अली, हाजी अजीजुर्रहमान सलीम मलिक, इकराम कस्सार, मुफ्ती इंतजार, अब्दुल कादिर, आसिफ कुरैशी, हाफिज तहसीन, मौलाना मुदस्सिर, मौलाना इसराइल, मौलाना ताहिर, मौलाना इनामुल्लाह, मौलाना बदर अख्तर, प्रधान मुर्सलीन, मौलाना वकील मौजूद रहे।
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