काशीपुर गोलीकांड पर बड़ा खेल हो गया

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काशीपुर गोलीकांड में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पुलिस में जुबानी जंग चल रही है |
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दोनों एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं, लेकिन इन सबके बीच एक बड़ा सवाल यह है कि क्या मुरादाबाद पुलिस बिना सूचना दिए ही कुंडा थाना क्षेत्र के भरतपुर गांव में दबिश देने पहुंच गई? इस सवाल के जवाब में मुरादाबाद पुलिस का कहना है कि उसने स्थानीय थाने को सूचना दी थी, लेकिन काशीपुर पुलिस ने उनकी इस बात को सिरे से नकार दिया | पुलिस का कहना है कि उन्हें किसी प्रकार की कोई सूचना नहीं मिली थी |
मिली जानकारी के अनुसार, 50 हजार के इनामी बदमाश जफर को पकड़ने के लिए जब मुरादाबाद पुलिस दबिश देने निकली तो उसने ऊधम सिंह नगर जिले की सीमा पर तैनात उत्तराखंड के एक पुलिसकर्मी को अनौपचारिक कॉल की थी | पुलिस टीम के एक सदस्य ने कहा था कि हम लोग दबिश देने आ रहे हैं, अगर जरूरत पड़ेगी तो आप लोगों को सूचना देंगे नहीं तो दबिश के बाद वापस लौट जाएंगे|
अब यह जानकारी मिल रही है कि ऊधम सिंह नगर के जिस पुलिसकर्मी से मुरादाबाद पुलिस की बात हुई, वह कुंडा थाने पर तैनात ही नहीं था |
ऐसे में अब बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि मुरादाबाद पुलिस ने स्थानीय थाने को सूचना क्यों नहीं दी? गैर थाने पर तैनात पुलिसकर्मी को क्यों बताया? जानकारी यह भी मिली है कि भरतपुर गांव में महिला की मौत और वहां बवाल के बीच जब मुरादाबाद पुलिस घिर गई, तब भी दोबारा उसी सिपाही को कॉल किया था. फिर उस सिपाही ने कुंडा थाने पर सूचना दी. सूचना मिलने के बाद कुंडा थानाध्यक्ष पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और घायल सिपाहियों को रेस्क्यू कर अस्पताल में भर्ती कराया |