अलीगढ़ जेल में योग दिवस,चित्त की वृत्तियों को चंचल होने से रोकना ही योग है -पतंजलि

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IMG-20220622-WA0050.jpgअलीगढ़ के जिला कारागार में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर वृहद योग शिविर का आयोजन किया गया। योग शिविर में जनपद अलीगढ़ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मोहम्मद फिरोज तथा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अलीगढ़ महेंद्र कुमार-द्वितीय एवं जनपद हाथरस के प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लकी सिंह एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चेतना सिंह तथा दोनों जनपद के पैरा लीगल वालंटियर, जेल के पैरा लीगल वालंटियर ने बंदियों के साथ योग शिविर में प्रतिभाग किया।

शिविर के प्रारंभ में प्रभारी वरिष्ठ जेल अधीक्षक/ जेलर पीके सिंह ने दोनों जनपद के सीजेएम साहब एवं सचिव साहब का पुष्प गुच्छ देकर सम्मान किया तथा पतंजलि योगपीठ की तरफ से योग पीठ के शिक्षकों द्वारा भी सभी न्यायिक अधिकारियों का अंग वस्त्र पहना कर स्वागत किया गया।

न्यायिक एवं कारागार के सभी अधिकारियों ने बंदियों के साथ मिलकर योग किया।महिला एवं पुरुष बंदियों ने अलग-अलग योग किया । महिला बंदियों को पृथक रूप से महिला प्रशिक्षकों द्वारा योग कराया गया। योग शिक्षकों द्वारा योग के दौरान योग के महत्व को भी बताया गया। न्यायिक अधिकारियों ने पुरुष एवं महिला बंदियों द्वारा किए जा रहे योग का अवलोकन किया। सभी न्यायिक अधिकारियों ने योग के सुन्दर एवं सफल आयोजन के लिए कारागार प्रशासन की मुक्त कंठ से प्रशंसा भी की।

प्रभारी वरिष्ठ जेल अधीक्षक/ जेलर पी के सिंह ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि "योग स्वयं के माध्यम से स्वयं की यात्रा है उन्होंने आगे कहा योग संगीत की तरह है"। शरीर की लय, मन की मधुरता और आत्मा के सद्भाव मिलकर जीवन को एक सुर में पिरोते हैं, इसलिए सभी लोग नियमित योग का अभ्यास करें। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर बंदियों में जबरदस्त उत्साह परिलक्षित हो रहा था।IMG-20220622-WA0053.jpgIMG-20220622-WA0052.jpgIMG-20220622-WA0056.jpg