अग्निशमन केन्द्र उन्नाव परिसर में मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अग्नि

in #unnao2 years ago

अग्निशमन केन्द्र उन्नाव परिसर में मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवा में अग्नि सचेतक बनाने की मंशा से पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवा लखनऊ के आदेश के क्रम में पुलिस अधीक्षक उन्नाव के निर्देशानुसार मुख्य अग्निशमन अधिकारी उन्नाव के निकट परीक्षण में जनपद के युवाओं, फैक्ट्री के कर्मचारियों एवं एनसीसी कैडेट सहित छात्र-छात्राओं को को आग बुझाने और आग से बचाव का प्रशिक्षण शिवदास प्रसाद अग्निशमन अधिकारी उन्नाव अपने टीम के साथ प्रशिक्षण देते हुए बहुमंजिली इमारतों में अग्नि सुरक्षा व्यवस्था को 3 चरणों में बांटकर बताया, प्रथम चरण में भवन का डिजाइन अग्नि सुरक्षा की दृष्टि से होना चाहिए दूसरे चरण में भवन में अग्नि चेतावनी पद्धति लगाया जाना आवश्यक होता है एवं तीसरे चरण में फिक्स फायर फाइटिंग व्यवस्था भवन के प्रकृति के अनुसार लगाया जाना अनिवार्य होगा उदाहरण स्वरूप एक बहुमंजिला भवन का जो 24 मीटर से कम ऊंचाई का हो क्या-क्या व्यवस्था होनी चाहिए प्रशिक्षण के समय उनके द्वारा निम्न प्रकार से बताया ।
बहुमंजिला भवनों में अग्नि सुरक्षा की दृष्टि से भवन की डिजाइन एवं निर्माण में ध्यान देने योग्य बातें। 1-सेट बैक (मोटरेबुल ) ०२-सेट बैक (भवन की उंचाई के सापेक्ष वर्किंग स्पेस यदि भवन-18मीटर उचाई का है तो बैंक-06 मीटर चौड़ा भवन के चारों तरफ होगा।
03-फायर एक्जिट 04-पलायन मार्ग की‌ स्पष्टता 05-पलायन मार्ग की‌ चौड़ाई एवं दुरी, 06-वैकल्पिक मार्ग एवं ‌जीना की व्यवस्था (आन्तरिक स्टेयरकेस व वाह्य स्टेयर केस),07-कम्पाटमेंशन की व्यवस्था क्षेत्रफ़ल के अनुरूप करना।
08-धुंए के फैलाव के रोकथाम के उपाय करना। 09-धुंये के विरुद्ध वेंटीलेशन की व्यवस्था करना।10-आकस्मिक स्थिति में प्रकाश की व्यवस्था करना, 11- बेसमेंट में पलायन मार्ग की व्यवस्था रखना।12- बेसमेंट में रैंप की व्यवस्था करना ।13-भवन में आवश्यकतानुसार रिफ्यूज एरिया की व्यवस्था रखना।14- ऊपरी मंजिल से आने वाले जीने का बेसमेंट के लिए निरंतरता में प्रतिषेध करने की व्यवस्था करना ।15-मुख्य सड़क की चौड़ाई कम से कम 12 मीटर होना अग्नि सुरक्षा की दृष्टि से अति आवश्यक है।


आग बुझाने के लिए फायर फाइटिंग की व्यवस्था अनिवार्य रूप से किया जाना जन सुरक्षा के दृष्टिकोण से आवश्यक है।
01-विभिन्न फायर एक्सटिंग्विशर प्रत्येक तल,02-होज रील सिस्टम का प्रावधान करना आवश्यक है
03-वेट राइजर /डाउन कमर सिस्टम का प्रावधान करना।04-भवन के चारों तरफ यार्ड हाइड्रेंट सिस्टम का प्रावधान करना।
05-भवन में आवश्यकतानुसार ऑटो स्प्रिंकलर सिस्टम का प्रावधान करना
06-मेन्यूली ऑपरेटेड इलेक्ट्रिक फायर अलार्म सिस्टम का प्रावधान पूरे भवन में करना।
07-ओटोमैटिक डिटेक्शन एण्ड एलार्म सिस्टम का प्राविधान करना ।
08-ओवर हेड टैंक जिसकी क्षमता-20000 ली.,09-टेरिस पम्प क्षमता-900एल.पी.एम का प्राविधान करना होगा।
10-अंडर ग्राउंड वाटर रिजर्व बैंक क्षमता 100000 लीटर होना चाहि11-फायर पंप -01 2280 एलपीएम क्षमता का डीजल पंप, 02-2280 एल पी एम क्षमता का इलेक्ट्रिक पम्प,03-180 एल.पी.एम का पम्प,
*-पब्लिक एड्रेस सिस्टम का प्रावधान किया जाना अनिवार्य है।
उपरोक्त सभी व्यवस्था बहुमंजिला भवन के उपयोग के अनुरूप निर्धारित किया जाता है लेकिन डिजाइन में अग्नि सुरक्षा के दृष्टिकोण से निर्माण कराया जाना जनहित में अति आवश्यक है।
उपरोक्त अग्नि सुरक्षा प्रशिक्षण में अग्नि सचेतक के रूप में प्रशिक्षु एनसीसी कैडेट ,फैक्ट्रियों के कर्मचारी, युवाओं एवं महिलाएं सम्मिलित थे जिनकी संख्या एक सौ पच्चीस हैं।
प्रशिक्षुयों में विशेष योगदान देने वाले श्रीमती कुसुम सिंह चन्देल, श्रीमती सरिता शुक्ला, श्रीमती जयंती शुक्ला,श्री संजय पटेल, धर्मेन्द्र कुमार एवं राहुल शर्मा इत्यादि सम्मिलित थे।
उपरोक्त प्रशिक्षण श्री शिव दरस प्रसाद अग्निशमन अधिकारी उन्नाव लीडिंग फायरमैन श्री विद्या कांत मिश्रा फायरमैन श्रीसोहनलाल, श्री गजेंद्र सिंह श्रीओमवीर सिंह एवं श्रीनरेंद्र मिश्रा ने विशेष योगदान देकर सभी लोगों को बेहतरीन प्रशिक्षण कराने की सुविधाएं उपलब्ध कराएं और अग्निशमन उपकरणों का पहचान कर आया।
अग्नि सचेतक योजना के अन्तर्गत तृतीय चरण का प्रशिक्षण सकुशल सम्पन्न हुआ।
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