नगरिय निकाय चुनाव की गलतियों का खामियाजा विधानसभा चुनाव में भुगतेगी भाजपा

in #umaria2 years ago

नगरीय निकाय चुनाव का खामियाजा भाजपा भुगत सकती है विधानसभा में*

वरिष्ठ भाजपाइयों को दरकिनार करने का हो सकता है नुकसान
उमरिया।नगरीय निकाय चुनावों में टिकट वितरण के बाद भाजपा को मजबूती और पहचान देने वाले वरिष्ठ चेहरों जिस तरह सिरे से खारिज किया गया उसका जबरजस्त नुकसान भाजपा को आने वाले विधानसभा चुनावों में उठाना पड़ सकता है ,जिस तरह की नाराजगी नगर पालिका परिषद के उम्मीदवारों की सूची आने के बाद इस बार देखने को मिली है वह भाजपा के लिए किसी भी तरह से शुभ संकेत नही है नगर के हर वार्ड में जिस तरह भाजपाइयों के निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात सामने आ रही है वह वरिष्ठों की नाराजगी का ही नतीजा हो सकता है प्रभावशाली उम्मीदवार खड़ा करने से यह बातें न के बराबर होती थीं मगर इस बार तो लगता है लगभग हर वार्ड से एक असंतुष्ट भाजपाई ही निर्दलीय खड़ा होकर भाजपा का नुकसान कर सकता है।
सोचनीय बात तो यह है कि इतने बड़े विरोध के बाद भी भाजपा संगठन के कानों में जूं तक नही रेंगी किसी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नही आई बल्कि जानबूझकर अनसुना करने जैसा माहौल नजर आया,कुछ वरिष्ट नेता तो अब खुलकर बोलने लगे हैं कि संगठन के कुछ जिम्मेदार लोगों के रवैये से लगता है उनको पार्टी के भविष्य से कुछ लेना देना नही वह अपने स्वार्थ की वेदी पर पार्टी की बलि चढ़ाने में लगे हुए हैं पुराने सभी अनुभवी भाजपाई जो नगर की रग रग से वाकिफ हैं उनकी जगह हाल ही में भाजपा के दामन थामने वाले पार्टी को अपने हिसाब से चला रहे हैं जिनकी सामाजिक प्रतिष्ठा पर भी प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है बल्कि अनुभवहीनता और अपरिपक्वता भी साफ देखी जा सकती है लेकिन सबने जैसे आंख कान बन्द करके कोई जिद पाल रखी है।
पार्टी के लिए ऐसे गम्भीर मामलों में विधायकों ने भी संगठन को न तो कोई समझाइश देने का प्रयत्न किया न ही कोई बीच बचाव किया जबकि आने वाले विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा समय नही बचा है उन्हें खुद के ही क्षेत्र की चिंता नही लग रही यह बात या तो अति आत्मविश्वास को दर्शाती है या पुरानी सोच ही बदल चुकी है ऐसा लगता है, जिले भर में अपना प्रभाव और दबदबा रखने वाले नेताओं तक कि मंशा को नही समझा गया।कहते हैं ऐसी नाराजगी समय के साथ चली जाती हैं मगर यदि इसका प्रभाव नगर पालिका परिषद चुनाव पर पड़ा तो यह भाजपा के लिए बहुत बड़ा टर्निंग प्वॉइंट हो सकता है।
बाकी जो काँग्रेस अपना अस्तित्व खोती जा रही थी अब वह इन परिस्थितियों में फिर से फलने फूलने की तैयारी में है।