उज्जैन के मझौले शहर में नंबर एक पर और ओवर आल कैटेगिरी में टाप 10 में आने की संभावना

in #ujjain2 years ago

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स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 के परिणाम और पुरस्कारों की घोषणा शनिवार को हो जाएगी। समारोह नई दिल्ली में होगा, जिसमें उज्जैन को पुरस्कार मिलने और स्वच्छता रैंकिंग सुधरने की प्रबल संभावना है। अफसरों का कहना है कि इस बार भी उज्जैन स्वच्छता के मामले में ऊंची छलांग लगाएगा। तीन से 10 लाख की आबादी वाले मझौले शहरों की सूची में उज्जैन नंबर-वन का खिताब और ओवरआल कैटेगिरी में टाप-10 की रैंक पा सकता है।

मालूम हो कि साफ-सफाई के प्रति नागरिकों की आदतों में सुधार लाने और शहरों स्वच्छता के बेहतरीन इंतजाम कराने को भारत सरकार वर्ष- 2016 से देश में सालाना स्वच्छ सर्वेक्षण स्वरूप साफ-सफाई की परीक्षा करवा रही है। उज्जैन, साल-2017 से परीक्षा में शामिल हो रहा है। इस परीक्षा की बदौलत शहर में साफ-सफाई के इंतजाम जमीनी तौर पर महसूस होने और दिखाई भी देने लगे हैं। पिछले वर्ष उज्जैन, देश का 10वां सबसे स्वच्छ शहर घोषित हुआ था। थ्री स्टार रेटिंग और मझौले 372 शहरों की सूची में पांचवीं रैंक पाई थीं। भूमिगत सीवरेज पाइपलाइन प्रोजेक्ट का अधूरापन, शिप्रा सहित सप्तसागरों के प्रदूषण का असर रैंक पर पड़ा था। तब सुधार के लिए अधिकारियों ने नईदुनिया से कहा था कि स्वच्छता के उच्च मापदंड छूने को अब दोगुनी ताकत से काम करेंगे।

परिणाम स्वस्वरूप निगम ने वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए रोटरी एवं उद्यानों में वृहद स्तर पर पौधारोपण कराया। खाली भूखंडों की सफाई कराई। सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगवाया। सीवरेज प्रबंधन और स्वच्छता संबंधी शिकायतों का तकनीकी रूप से समाधान करने को मोबाइल एप लांच किया। कंट्रोल रूम को जिम्मेदार बनाया। महाकाल मंदिर, फ्रीगंज, महाकाल वाणिज्य केंद्र सहित पांच क्षेत्रों में वातानुलित टायलेट कम कैफे की सुविधा दी। मशीनों से सड़क, नालों, सेप्टिक टैंकों की सफाई कराना सुनिश्चित किया।

प्रमुख चौराहों एवं पर्यटन स्थलों पर साफ-सफाई के साथ सुंदरीकरण के विशेष इंतजाम किए। कबाड़ से जुगाड़ बैठाकर सुंदरीकरण के कार्य किए। सभी कुएं-बावड़ी और तालाब की साफ-सफाई कराई। स्वच्छता कार्य में नागरिक सहभागिता बढ़ाने को सरकार द्वारा तय सभी 12 कार्यक्रम भी पूरे किए। महाशिवरात्रि पर रामघाट और दत्त अखाड़ा घाट पर हुए दीपोत्सव कार्यक्रम में प्रज्ज्वलित 13 लाख दीये कार्यक्रम के तुरंत बाद हटाकर सुबह पर्व स्नान के लिए श्रद्धालुओं को स्वच्छ घाट मुहैया कराने पर भी उज्जैन का नाम देशभर में चमका था।