कौन हैं सपा नेता रुबीना खानम, जिन्होंने कहा- 'अगर ज्ञानवापी मंदिर है तो हिंदू भाइयों को सौंप दो'

in #trending2 years ago

360xNxrubinakhanam-1652858483.jpg.pagespeed.ic.Arqjw8C_EB.jpg
अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में रहने वाली समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की नेता रुबीना खानम (Rubina Khanam) ने ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) को लेकर एक नया बयान दिया है. एक वीडियो जारी कर रुबीना ने ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर बयान दिया है. जिसमें कहा है कि यदि यह साबित हो जाता है कि वहां पर मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी तो हमारे उलेमा, धर्मगुरु, कौम को उस जमीन को हिंदू भाइयों को दे देना चाहिए.

रुबीना ने इससे पहले हिजाब को लेकर भी बयान दिया था. जिसमें कहा था कि यदि कोई हमारे हिजाब पर हाथ डालेगा तो उसके हाथ काट दिए जाएंगे. दूसरा बयान रुबीना ने लाउडस्पीकर को लेकर कहा था कि मुसलमान समुदाय को छेड़ने की कोशिश ना करें. अगर ऐसा हुआ तो हम महिलाएं मंदिरों के बाहर बैठकर लाउडस्पीकर पर कुरान का पाठ करेंगे. जिस पर रुबीना के खिलाफ थाना सिविल लाइन में मामला दर्ज हुआ था. रुबीना ने ज्ञानवापी को लेकर नया वीडियो जारी किया है.

रुबीना ने वीडियो जारी कर कहा कि आजकल जो यह ज्ञानवापी मस्जिद का मसला चल रहा है, यह मामला बहुत ज्यादा चारों तरफ फैला है कि ज्ञानवापी मस्जिद नहीं है वहां प्राचीनकाल में मंदिर था. इस मामले में मेरा यह कहना है कि हिंदू पक्ष जो दावा कर रहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद जहां है वहां प्राचीन काल में मंदिर था. किसी शासक ने बलपूर्वक इस मंदिर को तोड़कर वहां पर मस्जिद बनाई थी. मैं यहां अपने धर्म गुरुओं से कि हमारे धर्म गुरुओं को इस बात को समझना चाहिए.

क्या बोले सपा नेता?
उन्होंने कहा कि उलेमाओं को भी इस बात को भी समझना चाहिए कि वाकई यह बात साबित हो जाती है कि प्राचीन काल में वहां पर मंदिर था. किसी हमारे शासक ने बलपूर्वक मंदिर को तोड़कर वहां पर मस्जिद बनाई थी. यह बात तो हमारे मुस्लिम समाज को, उलेमाओं को, धर्म गुरुओं को समझनी चाहिए कि किसी भी कब्जा की हुई जमीन पर, किसी भी छीनी हुई जमीन पर बल पूर्वक कब्जा किया गया है तो हमारे इस्लाम में वहां पर नमाज पढ़ना हराम है.

कोर्ट से की ये अपील
इसलिए अगर यह बात साबित होती है तो हमारा मुस्लिम समाज, हमारे धर्म गुरु, उलेमा उस जमीन को हिंदू पक्ष को वापस कर दें. लेकिन इसके लिए मैं भारत सरकार से अपील करती हूं कि वह सुप्रीम कोर्ट के जरिए इसकी उच्च स्तरीय तरीके से उसकी जांच कराएं. यह दावा सही निकलता है तो जमीन हिंदू पक्ष को जानी चाहिए. अगर ये दावा गलत निकलता है तो फिर हिंदू पक्ष को यह दावा छोड़ना होगा. शांतिपूर्ण तरीके से ये जमीन मुसलमानों को मस्जिद के लिए वापस देना चाहिए.