दिल के मरीजों का इलाज बंद, मशीनें धूल खा रही हैं

बाराबंकी 17 सितम्बरः (डेस्क) बाराबंकी में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति चिंताजनक है, विशेषकर हृदय रोग से पीड़ित मरीजों के लिए। पिछले ढाई साल से जिला अस्पताल में हृदयरोग विशेषज्ञ की अनुपस्थिति के कारण, दिल के मरीजों को उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है।

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बढ़ती संख्या
ब्लड प्रेशर और उच्च रक्तचाप की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है, जिससे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर भी दबाव बढ़ गया है। गंभीर स्थिति में मरीजों को निजी अस्पतालों में भेजा जाता है, लेकिन अंततः जिला अस्पताल ही उनकी अंतिम उम्मीद बनता है।

डॉक्टरों की कमी
जिला अस्पताल में हृदयरोग विभाग की स्थापना 1988 में हुई थी, लेकिन वर्तमान में यहां कोई हृदयरोग विशेषज्ञ नहीं है। यह स्थिति मरीजों के लिए बेहद निराशाजनक है, क्योंकि उन्हें इलाज के लिए अन्य स्थानों पर जाना पड़ता है।

सरकारी प्रयास
हालांकि, हाल ही में प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय बुजुर्ग स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम के तहत जिला अस्पताल में जिरियाट्रिक वार्ड का उद्घाटन किया गया है, जिसमें बुजुर्ग मरीजों को विशेष देखभाल दी जाएगी। लेकिन यह कदम हृदयरोग से पीड़ित मरीजों के लिए पर्याप्त नहीं
है।

निष्कर्ष
इस प्रकार, बाराबंकी का जिला अस्पताल गंभीर स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है। हृदयरोग विशेषज्ञ की अनुपस्थिति और बढ़ते मरीजों की संख्या ने स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित किया है। स्थानीय प्रशासन को इस समस्या का समाधान निकालने की आवश्यकता है ताकि मरीजों को समय पर और उचित इलाज मिल सके।