18 ट्रेड्स के लोगों को मिलेगा 'विश्वकर्मा' का लाभ

in #traders18 days ago

बलरामपुर 29 अगस्त : (डेस्क) बलरामपुर में परंपरागत 18 ट्रेड्स से जुड़े कारीगरों और शिल्पकारों को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई है।इस योजना के तहत लाभार्थियों को कौशल वृद्धि, उन्नत टूल्स, कोलेट्रल फ्री ऋण, डिजिटल भुगतान और ब्रांड प्रमोशन जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

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बलरामपुर जनपद में जिला प्रशासन ने परंपरागत 18 ट्रेड्स से जुड़े कारीगरों और शिल्पकारों को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से जोड़ने की पहल शुरू की है। यह योजना कारीगरों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से बनाई गई है, जिससे वे अपने व्यवसाय को बढ़ा सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत लाभार्थियों को कई प्रकार के लाभ दिए जाएंगे। इसमें कौशल वृद्धि के लिए प्रशिक्षण, उन्नत टूल्स की उपलब्धता, कोलेट्रल फ्री ऋण, डिजिटल भुगतान की सुविधा और ब्रांड प्रमोशन शामिल हैं। योजना का मुख्य उद्देश्य कारीगरों को उनके व्यवसाय में सुधार करने और उन्हें आधुनिक तकनीकों से लैस करना है।

इस योजना के तहत, कारीगरों को कौशल वृद्धि के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे अपने काम में दक्षता हासिल कर सकें। इसके अलावा, प्रत्येक लाभार्थी को ₹15,000 की राशि प्रदान की जाएगी, जिससे वे आवश्यक टूल्स खरीद सकें। यह टूल्स उनके काम की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद करेंगे।

लाभार्थियों को ऋण की सुविधा भी दी जाएगी। योजना के अंतर्गत, इच्छुक कारीगरों को बैंक से ₹3 लाख तक का ऋण प्राप्त होगा। पहले चरण में उन्हें ₹1 लाख का ऋण मिलेगा, जिसे चुकाने के लिए 18 महीने का समय दिया जाएगा। इसके बाद, यदि पहले ऋण का सफलतापूर्वक भुगतान किया जाता है, तो उन्हें अगले चरण में ₹2 लाख का ऋण दिया जाएगा, जिसके लिए 30 महीने का समय निर्धारित है।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए, कारीगरों को आवेदन प्रक्रिया के तहत अपने दस्तावेज जमा करने होंगे। जिला प्रशासन ने इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए स्थानीय मुखियाओं और पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठकें की हैं। इस पहल के माध्यम से, प्रशासन का लक्ष्य है कि बलरामपुर के सभी कारीगरों को इस योजना का लाभ मिले और वे अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक चला सकें।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना न केवल कारीगरों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करेगी, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगी। इस योजना के माध्यम से, बलरामपुर में कारीगरों की पहचान को बढ़ावा मिलेगा और उन्हें एक स्थायी रोजगार का अवसर मिलेगा।