महिला को प्रसव के लिए एक किलोमीटर तक नाव से ले जाया गया

in #toilet3 days ago

बाराबंकी 16 सितम्बरः (डेस्क)कोटवाधाम (बाराबंकी) में सिरौलीगौसपुर तहसील क्षेत्र के गांवों में बाढ़ के कारण स्थिति गंभीर हो गई है। तटबंध के अंदर बसे गांव चारों ओर से पानी से घिर गए हैं, जिससे चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। न तो एंबुलेंस गांव में जा सकती है और न ही डॉक्टर वहां पहुंच पा रहे हैं।
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रविवार को सनावा गांव की मीरादेवी को तेज प्रसव पीड़ा होने लगी। गांव में आने-जाने का कोई रास्ता नहीं होने के कारण ग्रामीणों ने तुरंत नाव का इंतजाम किया। एक किलोमीटर की दूरी तय कर मीरादेवी को तटबंध तक लाया गया। वहां पहुंचने से पहले एंबुलेंस के लिए कॉल कर दी गई थी। आनन-फानन में प्रसूता को सिरौलीगौसपुर अस्पताल ले जाया गया।

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में कई लोग तेज बुखार और अन्य
बीमारियों से ग्रसित हैं, लेकिन मेडिकल टीम को वहां नहीं लगाया गया है। इस स्थिति ने स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही को उजागर किया है, जो बाढ़ के दौरान और भी गंभीर हो जाती है।

बाढ़ के कारण चिकित्सा सेवाओं का ठप होना स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय बन गया है। कई लोग बीमार हैं, लेकिन उन्हें उचित चिकित्सा सुविधा नहीं मिल रही है। इस प्रकार की घटनाएं न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को दर्शाती हैं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का भी संकेत देती हैं।

ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन इस स्थिति पर ध्यान दे और जल्द से जल्द मेडिकल टीम भेजे ताकि लोगों को आवश्यक चिकित्सा सहायता मिल सके। बाढ़ के दौरान इस तरह की समस्याएं आम होती जा रही हैं, और यह आवश्यक है कि सरकार इस पर प्रभावी कदम उठाए।

इस संकट की घड़ी में ग्रामीणों ने एकजुट होकर एक-दूसरे की मदद की है, लेकिन यह स्पष्ट है कि सरकारी सहायता की आवश्यकता है। बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय में स्वास्थ्य सेवाओं का सुचारू रहना बेहद जरूरी है, ताकि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति का सामना किया जा सके।

इस पूरे मामले ने यह भी स्पष्ट किया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं की आवश्यकता कितनी महत्वपूर्ण है। यदि समय पर उचित कदम नहीं उठाए गए, तो यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।

ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाए, तो आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है। इसलिए, सभी संबंधित अधिकारियों को इस दिशा में गंभीरता से विचार करना चाहिए और आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए।

बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को सुधारने के लिए ठोस उपाय करने होंगे, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े।