अगले पांच साल तक इन पुलिस वालों किसी भी थाने में न पदस्थ किया जाये

in #tikamgarh2 years ago

मानव अधिकार आयोग ने की अनुशंसा,मामला पुुुलिस ने घर में घुसकर की मारपीट, घरेलू सामान तोड़ा, बनाया झूठा प्रकरण
20220513_152058.jpgटीकमगढ़ । मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने एक मामले में अहम अनुशंसायें कीं हैं मामला वर्ष 2020 का है टीकमगढ़ जिले के ग्राम देवखा (प्रेमनगर), ग्राम पंचायत देवखा, थाना दिगौड़ा निवासी आवेदक सुरेश घोष ने आयोग को आवेदन देकर पुलिस द्वारा उसके मानव अधिकारों का हनन करने की शिकायत की थी। बकौल आवेदक 17 सितंबर 2020 को रात आठ बजे आवेदक के घर में दिगौड़ा थाने के आरक्षक मनीष भदौरिया, रामकिशोर नापित, विजय वर्मा, अवनीश यादव, प्रशांत सिंह एवं एक हेड कान्स्टेबल आये , जो अत्यधिक शराब के नशे में थे उन्होंने इनके साथ मारपीट की और 20,000 रूपये मांगे । इनकी पुत्री राखी व उसका भाई मनोहर व पत्नी राजादेवी इन्हें बचाने आये, तो उनको भी गंदी-गंदी गालियां दीं और घर में रखे कूलर, पंखा, मोटर-सायकल, कुर्सी आदि घरेलू सामान की बुरी तरह से तोड़-फोड़ की। इसके बाद भाई के विरूद्ध झूठा प्रकरण भी पंजीबद्ध कर लिया। आवेदक ने आयोग से उसे न्याय दिलाने की गुजारिश की। आवेदक के आवेदन के आधार पर आयोग द्वारा एक अक्टूबर 2020 को इस प्रकरण पर संज्ञान ले लिया गया था आयोग ने प्रकरण क्र. 5766/टीकमगढ़/2020 में निरंतर सुनवाई उपरांत राज्य शासन को कुल चार अनुशंसायें की हैं इन अनुशंसा में आयोग ने कहा है कि इस मामले में थाना प्रभारी शैलेन्द्र सक्सेना का 17 सितम्बर 2020 को पुलिस कर्मचारियों का प्रेमनगर ग्राम में आवेदक सुरेश घोष व मनोहर घोष के साथ झगड़ा होने व अनुसंधान के पश्चात शीघ्र गिरफ्तारी पंचनामा नहीं बनाने, अभिरक्षा में चोटिल होने के पश्चात् एमएलसी शीघ्र नहीं करवाने एवं उपेक्षा के कारण आवेदकों के स्वास्थ्य, सुरक्षा, जीवन जीने के अधिकार तथा गरिमा के अधिकार का हनन किया गया है। अतः अपने पदीय कर्तव्यों से इतर व्यवहार (उपेक्षापूर्ण कार्यवाहियों) के दोषी पाये गये सभी पुलिसकर्मियों के विरूद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये। थानास्तर के पुलिस कर्मचारी, कर्मचारियों की शिकायत पर शासकीय ड्यूटी में हस्तक्षेप व उनको मारपीट की घटना के संबंध में यदि आपराधिक प्रकरण उन्हीं कर्मचारियों की स्थापना के थाने में पंजीबद्ध किया जाता है, तो उस आपराधिक प्रकरण की विवेचना, अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) या उप पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी से कराये जाने संबंधी दिशा-निर्देश जारी किये जायें। किसी भी व्यक्ति को अभिरक्षा में लेने और उसकी गिरफ्तारी करने की स्थिति में धारा 41 (ख) एवं धारा 54 (एक) दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 का अक्षरशः पालन सुनिश्चित कराया जाये एवं प्रधान आरक्षक रामकिशोर सेन, वरिष्ठ आरक्षक मनीष भदौरिया व आरक्षक विजय वर्मा को अगले पांच साल तक किसी भी थाने में पदस्थ न किया जाये अर्थात् इन्हें फील्ड पोस्टिंग न दी जाये।@-एम.ए.खानअफसर टीकमगढ़

Sort:  

Tag sahi hai, magar police ki spelling galat hai

जी बिल्कुल सर

🙏

Nice

धन्यवाद