कारगिल विजय दिवस के मौके पर आज देश उन जांबाज सैनिकों को याद कर रहा है

in #the2 years ago

IMG_20220726_122745_386.jpgIndia : कारगिल विजय दिवस के मौके पर आज देश उन जांबाज सैनिकों को याद कर रहा है, जिन्होंने पाकिस्तानी सैनिकों और घुसपैठियों से कारगिल की चोटियों को आजाद कराया था। धोखे से कारगिल में सैनिकों को घुसाकर पाकिस्तान ने भारत पर मई 1999 में युद्ध थोपा था। करीब तीन महीने चली इस जंग में भारतीय सैनिकों की बहादुरी के आगे पाकिस्तान के सैनिक भाग खड़े हुए थे। यही नहीं इस जंग ने दोनों देशों के राजनीति और कूटनीतिक संबंधों को भी निचले स्तर पर लाने का काम किया था। हालांकि तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी मानते थे कि इस जंग के लिए नवाज शरीफ से ज्यादा उस वक्त पाक सेना के प्रमुख रहे जनरल परवेज मुशर्रफ जिम्मेदार थे।
अटल बिहारी वाजपेयी के निजी सचिव रहे शक्ति सिन्हा ने अपनी पुस्तक 'वाजपेयी: द ईयर्स दैट इंडिया चेंज्ड' में यह लिखा था। पुस्तक के मुताबिक कारगिल युद्ध के दौरान भी अटल बिहारी वाजपेयी और नवाज शरीफ के बीच 4 से 5 बार बातचीत हुई थी। इसी के आधार पर अटल बिहारी वाजपेयी मानते थे कि इस युद्ध में जनरल परवेज मुशर्रफ ने नवाज शरीफ को फंसा दिया है। शक्ति सिन्हा ने लिखते हैं कि ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के हेड रहे आरके मिश्रा ने कारगिल युद्ध के दौरान बैकचैनल से बातचीत की शुरुआत की थी। नवाज के घर की भी होती थी जासूसी, क्या था पूर्व पाक पीएम को खतरा पुस्तक में वह लिखते हैं, 'नवाज शरीफ की स्थिति बहुत कमजोर दिखती थी। एक मीटिंग में तो उन्होंने मिश्रा से कहा था कि चलो गार्डन में टहलते हैं। उन्हें संदेह था कि मेरे घर की जासूसी की जा रही है। यह बात जब मिश्रा ने वाजपेयी को बताई तो उन्हें लगा कि नवाज शरीफ शायद हालात के आगे मजबूर हैं।' यही नहीं शक्ति सिन्हा कहते हैं कि पीएम वाजपेयी और नवाज शरीफ के बीच 4 से 5 बार बात हुई थी। इसके बाद 4 जुलाई को नवाज शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से कहा था कि पाकिस्तान एलओसी के उस पार से अपने सैनिकों को वापस बुला लेगा। जब वाजपेयी ने श्रीनगर पहुंचकर कहा, नवाज शरीफ को नंबर लगाओ। वाजपेयी और नवाज शरीफ के बीच करीब 4 से 5 बार जो बातचीत हुई थी, उनमें से एक बात तो तब हुई, जब वाजपेयी कारगिल का दौरा कर लौटे। शक्ति सिन्हा लिखते हैं, 'श्रीनगर पहुंचने पर वाजपेयी ने मुझसे कहा कि शरीफ को नंबर लगाओ। मैंने और मेरी टीम ने कनेक्ट करने का प्रयास किया, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। तब एक स्थानीय अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर से पाकिस्तान को नंबर मिलाने पर रोक है। तब टेलीकॉम अथॉरिटीज को कुछ वक्त के लिए छूट देने को कहा गया ताकि दोनों पीएम बात कर सकें।'