पढ़ाई की लगन ऐसी की स्कूल जाने का बच्चें ढूंढते है बहाना

in #the-passion2 months ago

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  • पढ़ाई की लगन ऐसी की स्कूल जाने का बच्चें ढूंढते है बहाना
  • मेहमानी में गए दूसरे गांव के बच्चे माध्यमिक शाला सर्रा पिपरिया में दी अपनी उपस्थिति
  • बच्चों का स्वागत कर दी अपने स्कूल जाने की विदाई

मंडला. शिक्षा सत्र समाप्त होते ही बच्चों को लगभग डेढ़ माह का ग्रीष्मकालीन अवकाश मिला। जिसमें बच्चों ने शादी ब्याह, रिश्तेदारो के घर मेहमानी का जमकर लुत्फ उठाया। वहीं कुछ बच्चे स्कूल खुलने के बाद भी मेहमानी से अपने घर नहीं लौट पाए, और शिक्षा सत्र प्रारंभ हो गया, लेकिन बच्चों का पढ़ाई में रूची और उनकी लगन, उत्साह कम नहीं हुआ। पढ़ाई की तरफ उनके रूझान ने मेहमानी करने गए गांव के ही स्कूल में जाकर कक्षा में अपनी उपस्थिति दे दी। यह बकाया आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला के विकासखंड नैनपुर के ग्राम सर्रा पिपरिया का है, जहां शासकीय माध्यमिक शाला सर्रा पिपरिया संचालित है। ऐसा नहीं है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती है, इस स्कूल में पढ़ाई के साथ अन्य गतिविधियां भी समय-समय पर संचालित होती है, जिसके कारण इस स्कूल के बच्चें बहुत ही कम शाला से अनुपस्थित रहते है। अवकाश के दिनों में भी यह स्कूल बच्चों की रूचि को देखते हुए खुल जाता है। यहां बच्चों में पढ़ाई को लेकर काफी उत्साह देखा जाता है।

वैसे तो सरकारी विद्यालय शिक्षकों के लिए एक जून से और विद्यार्थियों के लिए 18 जून से प्रारम्भ हो चुके हैं, लेकिन जून माह में बच्चों की उपस्थिति बहुत नगण्य रहती है। आज भी बच्चे और अभिभावक एक जुलाई से ही सत्र की शुरुआत समझते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जून महीने में खरीफ की फसल की बुआई होने के कारण अधिकांश बच्चे अपने अभिभावकों की खेती कार्य में मदद करते हैं, जिससे जून में स्कूल नि:शुल्क पुस्तकें वितरण, नामांकन, स्थानांतरण आदि कार्य ही हो पाते हैं।

बताया गया कि कुछ बच्चों में पढ़ाई की लगन इतनी अधिक होती है कि वे स्कूल जाने का बहाना ढूंढ़ते हैं। ऐसा ही कुछ सर्रा पिपरिया के स्कूल में देखने को मिला, जहां स्कूल में दर्ज बच्चों के अलावा अन्य गांव से मेहमानी में आए बच्चे और प्राइवेट स्कूलों में पढऩे वाले बच्चे नियमित रूप से विद्यालय में उपस्थित रहकर पढ़ाई लिखाई कर रहे हैं। स्कूल के बच्चों के साथ मिल बांट कर मध्यान्ह भोजन भी करते हैं। हालाकि एक जुलाई से ऐसे बच्चे अपने अपने विद्यालय में चले जाएंगे। इसके लिए माध्यमिक शाला सर्रा पिपरिया में 29 जून को ऐसे बच्चों का स्वागत कर विदाई दी गई।

  • बच्चों का जन्मदिन मनाया गया :
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विगत कई वर्षों से शासकीय माध्यमिक शाला सर्रा पिपरिया में प्रत्येक छात्र, छात्रा का जन्मदिन दिन मनाया जाता है। इसी परम्परा के अनुसार छात्र हिमांशु परते, अमृता परते, अजीत परते को तिलक लगाकर, मुंह मीठा और उपहार देकर जन्मदिन मनाया गया। शाला के शिक्षकों एवं साथी छात्र छात्राओं ने इन बच्चों को पेन चाकलेट देते हुए जन्मदिन की बधाई दी। वहीं इन छात्रों ने स्वेच्छा से अपनी कक्षा के बच्चों और दोस्तों को चाकलेट देकर प्रसन्नता व्यक्त की। प्राईवेट एवं अन्य विद्यालय के छात्रों ने भी इन्हें शुभकामनाएं दीं।

  • इनका कहना है

हमारे विद्यालय में सभी बच्चों एवं शिक्षकों का जन्मदिन पूरे उत्साह से मनाया जाता है। गांव में मेहमानी में आए हुए बच्चे भी स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के साथ स्कूल आ जाते हैं। हमारे शिक्षक उन्हें उसी स्नेह से पढ़ाते लिखाते हैं। मध्यान्ह भोजन सहित स्कूल की सभी गतिविधियों में ये बच्चे शामिल होते हैं। हमारा उद्देश्य है कि पढऩे योग्य कोई भी बच्चा (चाहे वो किसी भी स्कूल का हो) एक दिन भी पढ़ाई से वंचित ना रहे।
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संजीव सोनी
प्रभारी प्रधानाध्यापक, मा शा सर्रा पिपरिया