मैसूर में महावीर भवन में मुनि तीर्थ तिलक विजय जी के प्रवचनों को सुनने उमड़े श्रद्धालु

in #terapanth2 years ago

मैसूर में महावीर भवन में मुनि तीर्थ तिलक विजय जी के प्रवचनों को सुनने उमड़े श्रद्धालु

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मैसूर । सुमति नाथ जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ में महावीर भवन में विराजित मुनि श्री तीर्थ तिलक विजय जी ने प्रवचन में बताया कि 1 संघ पूजा संघ 25 वा तीर्थंकर है संघमें कोई भावी के साधु साध्वी आचार्य गण धर का आत्मा भी और तीर्थंकर का आत्मा भी हो सकता है उनकी भक्ति संघ पूजा से होती है 2=साधार्मिक भक्ति =साधर्मीकभक्ति है तो संघ शासन टिकेगा,नहीं तो नहीं , 3=यात्रिक –अष्टानिका , रथयात्रा,तीर्थयात्रा साल में एक बार तो अवश्य करना, 4= स्नात्र महोत्सव - भगवान का जन्मकलनायक मेरु महोत्सव की कोपी स्नात्र महोत्सव, 5= देवद्रव्य की वृद्धि - यह वृद्धि है तो शासन जिनालय प्रतिमा जीवित हैं साथ साधारण द्रव्य की वृद्धि होनी चाहिए, 6 = महापूजा -साल में एक बार जिनालय का क्षणगार महापूजा अवश्य, 7=रात्रि जागरण कल्पसूत्र बारसासूत्र पारणा घर आए विशेष प्रसंग पर रात्रि जागरण जाप भावना कर रात्रि पसार करनी, 8–श्रुत ज्ञानभक्ति - ज्ञान प्राप्ति पढ़ना भी श्रुत भक्ति है, 9= उद्यापन–विशेष तप पर उजमना, ज्ञान दर्शन चरित्र के उपकरण का कर सकते है, 10=तीर्थ प्रभावना-शासन प्रभावना कर कर जेनेतर के ह्रदय में भी शानस बसाना, 11=आलोचना- गंभीर गितार्थ गुरुरपास आलोचना करनी पोषध वृत -साल में एक दिन तो चार प्रकार के पौषध को स्वीकारना विस्तार से समझाया इस अवसर पर सूमतीनाथ संघ के पदाधिकारी ट्रस्टी गण एवं काफी संख्या में श्रावक श्राविका मौजूद रहे।

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