श्रीराम के वनवास की कथा सुन श्रद्धालुओं की भर आई आखं
- श्रीराम के वनवास की कथा सुन श्रद्धालुओं की भर आई आखं
- बिझोली में नौ दिवसीय श्रीराम कथा का आयोजन
मंडला. निवास के बिझोली में नौ दिवसीय श्रीराम कथा का आयोजन किया जा रहा है। हर दिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। ग्रीष्म ऋतु का समय देखते हुए शाम को कथा कराई जा रही है। श्रद्धालुओं को गर्मी से राहत दिलाने पर्याप्त इंतजाम भी किए जा रहे हैं। श्रीराम कथा के सातवें दिन कथा व्यास कनिष्ठ जगत गुरु स्वामी आत्मानंद महाराज ने कहा कि गृहस्थी को नर्क मत बनाएं। गृहस्थी का काम राष्ट्र को मजबूत करना है।
मंगलवार के प्रसंग में बताया की जब श्रीराम जी के राजतिलक की तैयारियां की जा रही थी तभी महारानी कैकेई राजा दशरथ से अपने दो वचन मांगती हैं। कहती हैं कि पहले आप राम की सौगंध खाएं और मेरे वचन मुझे दें। राजा दशरथ खुशी में रानी से कहते है कि जो मांगो मैं वहीं दूंगा। तब रानी कैकेई दशरथ जी से मांगती हैं कि मेरे बेटे भरत को राजगद्दी मिले और राम को 14 वर्ष का वनवास मिले।
इतना सुनते ही महाराजा दशरथ धरती पर गिर जाते हैं। राम सहित सब यहां पहुंचते हैं। प्रभु राम जब वनवास को जाने लगते हैं तो उनके साथ सीता व लक्ष्मण भी तैयार हो जाते हैं। श्रीराम के वन जाने की बात सुनकर पूरा अवधपुरी रो पड़ा। पंडाल में बैठे श्रद्धालुओं की अंखे भी नम हो गई। आगे कथा में पूज्य महाराज भगवान श्रीराम की वनवास की कथा श्रवण करते हुए बताया कि भगवान विप्र धेनु और संत के कल्याण के लिए वनवास गए। मांगी नाव न केवट आना, कहहि तुम्हार मर्म में जाना।। केवट भगवान के अनेक रहस्य जानता था। की कथाओं को विस्तृत समझाया।
कथा व्यास कनिष्ठ जगत गुरु स्वामी आत्मानंद महाराज ने कहा कि कथा को भाव व प्रेम से सुनने वाले ही ज्ञान प्राप्त करते हैं। इस मौके पर कथा पंडाल पर भक्तों की भारी भीड़ जुटी रही। सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए थे। कार्यक्रम स्थल पर पुलिस बल तैनात रहा। वहीं कथा के समापन पर भक्तों को प्रसाद का वितरण किया गया।
रिपोर्टर रोहित प्रशांत चौकसे, निवास
मो. 9407318086