हरिद्वार में कर विभाग की बड़ी कार्यवाही

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राज्य कर विभाग हरिद्वार संभाग की विशेष अनुसंधान शाखा ने मैनपावर सप्लायर्स और टेलीकॉम सर्विसेज फर्मों में करोड़ों रुपये की टैक्स की हेराफेरी पकड़ी है। फर्मों ने वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2019-20 तक प्रांत के भीतर ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करते हुए 2.93 करोड़ की गलत आईटीसी क्लेम किया था। जांच में गड़बड़ी सामने आने पर दोनों ही फर्मों की ओर से दस लाख रुपये अर्थदंड जमा कराया है।

विभाग ज्वाइंट कमिश्नर अजय कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि सचल दल इकाई ने परचून के सामान से लदे चार वाहनों को भी पकड़ा है। सामान की सप्लाई करने वाले ट्रांसपोर्ट के गोदामों की जांच की जा रही है। रुड़की में पान मसाला और बीड़ी सिगरेट के दो व्यापारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। बीड़ी व्यापारी पंजीयन निरस्त होने के बाद भी व्यापार करते पकड़ा गया है। व्यापारी के गोदाम और आवास से 135 नग जब्त किए गए हैं। जांच में सामने आया है कि पान मसाला व्यापारी ने दाखिल रिटर्न में गलत तथ्य प्रस्तुत किए हैं।

प्रापर्टी लीज और किराये पर देने वाले कराएं पंजीकरण
ज्वाइंट कमिश्नर अजय कुमार ने बताया कि कई लोगों ने अपने प्लॉट एवं परिसर को लीज अथवा किराये पर दिया है। उनको इससे काफी भुगतान मिल रहा है, लेकिन उन्होंने स्वयं को विभाग में पंजीकृत नहीं कराया है। न ही कोई टैक्स जमा किया जा रहा है। संपत्ति के व्यवसायिक उपयोग से सालाना 20 लाख से अधिक भुगतान प्राप्त होने पर जीएसटी में पंजीकरण अनिवार्य है। पंजीकरण नहीं कराने वालों के खिलाफ जांच कर अर्थदंड की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि 19 जुलाई से एक हजार रुपये से कम होटल कमरे के किराये पर टैक्स देय है। जिन होटल व्यवसायियों ने अभी तक पंजीयन नहीं कराया है वह कराएं।
एक करोड़ की धनराशि कराई जा चुकी जमा
ज्वाइंट कमिश्नर अजय कुमार ने बताया कि संभाग में पंजीकृत व्यापारियों में से 7505 ऐसे व्यापारियों को चिन्हित किया है जो निल रिर्टन दाखिल कर रहे हैं। 2935 ऐसे व्यापारियों को चिन्हित किया है जो नकद में कोई टैक्स जमा न करके आईटीसी द्वारा समस्त करदेयता समायोजित कर रहे हैं। ऐसे व्यापारियों पर कार्रवाई करने के लिए विशेष टीमों का गठन किया है। व्यापार स्थल की जांच और स्टॉक सत्यापन किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष मे अब तक करीब 1000 व्यापारियों की जांच हो चुकी है। जांच कार्यवाही के दौरान एक करोड़ की धनराशि राजकोष में जमा कराई जा चुकी है।