रिसर्च इंस्टीट्यूट ने SC के सामने रखी अपनी परेशानी, कहा - पूरा डेटा नहीं मिला है

in #supremecourt2 years ago

सुपरटेक ट्विन टावर मामले में रिसर्च इंस्टीट्यूट ने सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी परेशानी रखी है. रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कहा कि ट्विन टावर ढहाने के मद्देनजर पूरा डेटा नहीं दिया गया. आस-पास की इमारतों पर ब्लास्ट के प्रभाव के बारे में जानकारी नहीं दी गई. साथ ही बताया कि इस मामले में ना सुपरेटक ने, ना IRP, ना ही तोड़फोड़ करने वाली एजेंसी एडीफिस ने जानकारी दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सभी को सहयोग करना चाहिए. -केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान ( CBRI), रुड़की ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि संरचनात्मक मुद्दों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी के छिपाने के कारण ढहाने की योजना की व्यवहार्यता का अध्ययन करने में असमर्थ है . SC ने सुपरटेक, एडिफिस ( ढहाने के लिए चुनी गई एजेंसी), नोएडा के अधिकारियों को 5 अगस्त तक CBRI को योजना के बारे में सभी जानकारी प्रदान करने का निर्देश दिया है . SC ने CBRI, सुपरटेक, एडिफिस और नोएडा के अधिकारियों को तोड़फोड़ योजना को अंतिम रूप देने के लिए 6 अगस्त को बैठक करने का निर्देश दिया . साथ ही कहा है कि एडिफिस और सुपरटेक को CBRI के साथ सहयोग करना चाहिए और सभी प्रासंगिक जानकारी प्रदान करनी चाहिए. तोड़फोड़ वर्तमान में 21 अगस्त को होने वाली है. SC ने दोनों इमारतों को ढहाने की समय सीमा 28 अगस्त निर्धारित की है. अगली सुनवाई 12 अगस्त को है.

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने ये सुनवाई की है. CBRI के मुख्य वैज्ञानिक डी पी कानूनगो ने पीठ को बताया कि न तो सुपरटेक और न ही एडिफिस ने विस्फोट के डिजाइन, जमीन के कंपन अनुमान और इसकी निगरानी के लिए तंत्र, विध्वंस के बाद के मलबे का आकलन, धूल के बादल जो निकलेंगे और आसपास की इमारतों पर इसके प्रभाव से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान नहीं की है. 0b64vsbo_supreme-court-pti_625x300_22_October_19.webp