एक चुटकी सिंदूर की कीमत...' बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भंग शादी को फिर से बहाल किया

in #supe2 years ago

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को एक ऐसा अनूठा फैसला दिया है जिसमें विवाहिता महिलाओं के अधिकारों को और बढ़ावा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला को ना केवल फिर से विवाहिता का दर्जा दिया है बल्कि ये भी कहा है कि हिंदू धर्म में विवाहित महिला (Married Woman) के सुहाग और सिंदूर की अहमियत होती है और समाज उनको उसी नज़रिए से देखता है. ऐसे में पति से अलग भी रहें महिलाएं इसी सिंदूर के सहारे अपनी पूरी जिंदगी काट सकती हैं. ये कहते हुए जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एस रवींद्र भट की पीठ ने एक बड़ा कदम उठाते हुए पति के पक्ष में दिए गए तलाक की डिक्री को रद्द कर दिया.

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के शादी भंग करने के फैसले को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने महिला की शादी फिर से बहाल कर दी. जस्टिस ललित ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि भारत में यहां की सामाजिक स्थिति को देखते हुए वैवाहिक स्थिति महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है. खास बात ये है कि पति की ओर से कहा गया था कि वो अब साधु बन गया है और उसने सब कुछ त्याग दिया है. पीठ पत्नी द्वारा दायर एक याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा दी गई तलाक की डिक्री को चुनौती दी गई था.
सुनवाई के दौरान पत्नी की ओर से पेश वकील पुरुषोत्तम शर्मा त्रिपाठी ने अदालत को बताया था कि हाईकोर्ट ने विशेष रूप से नोट किया था कि पति के साथ कोई क्रूरता नहीं हुई थी और उसने अपने ससुराल को अपने दम पर नहीं छोड़ा था. इसलिए हाईकोर्ट का शादी भंग करने का फैसला सही नहीं है