गोमती नदी के किनारे शिक्षा का दीपक जला रहे इंजीनियरिंग के छात्र
Wortheum news sultanpur:-सुल्तानपुर। 11 साल पहले शुरू हुई केएनआईटी के इंजीनियरिंग छात्रों की ‘कोशिश’ आज भी जारी है। इंजीनियरिंग के छात्र अपनी पढ़ाई-लिखाई से कुछ समय निकाल कर गरीब बच्चों को शिक्षा दान कर रहे हैं। शाम होते ही गोमती नदी के किनारे उनकी पाठशाला सज जाती है। इनके पढ़ाए बच्चे अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होकर बेहतर भविष्य का सपना साकार कर रहे हैं। ‘कोशिश’ नाम से चल रही यह निशुल्क पाठशाला अब वृहद आकार ले चुकी है।पिछले 11 वर्ष में कॉलेज के कई बैच निकल गए। गोमती नदी का न जाने कितना पानी बह गया, लेकिन खुले आसमान के नीचे चल रही ‘कोशिश’ की कक्षा का नजारा पहले जैसा ही है। ‘कोशिश’ की इस सफलता के पीछे कॉलेज के पूर्व छात्र हैं। ये देश के विभिन्न कोनों से हैं लेकिन अपनी व्यस्तताओं के बीच वे यहां बराबर आते रहते हैं। कॉलेज के छात्रों को गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रेरित करते रहते हैं। पाठशाला अब ‘कोशिश’ एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी नाम से रजिस्टर्ड है। इसी बैनर तले गत 15 मई को केएनआईटी कैंपस में कॅरिअर टॉक का आयोजन किया गया था। इसमें ‘कोशिश’ से जुड़े छात्र व केएनआईटी के एलमुनाई शामिल हुए। ‘कोशिश’ की पाठशाला चलती रहे, इसे लेकर ऑनलाइन मीटिंग, पढ़ाई, शिक्षकों की व्यवस्था, बोर्ड से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी कराने तक की जिम्मेदारी निभाने वालों की बाकायदा एक टीम है।इस टीम में ‘कोशिश’ के संस्थापक अध्यक्ष चेतन गिरी गोस्वामी केएनआईटी से वर्ष 2012 के पास आउट हैं। वर्तमान में वे महाराष्ट्र स्थित बैंक ऑफ इंडिया में प्रबंधक हैं। सुमित वर्मा 2016 बैच के हैं। इन दिनों जापान में बड़े पैकेज पर हैं, लेकिन ‘कोशिश’ के लिए उनकी चिंता पहले जैसी ही है। वर्ष 2017 के पास आउट मुकेश पांडेय आईआईटी दिल्ली में रिसर्च एसोसिएट के रूप में कार्यरत हैं। हिमालय सिंह 2014-18 में यहां रहे। अभी मैनपुरी में पीडब्ल्यूडी में सहायक अभियंता सिविल के पद पर कार्यरत हैं। रितिका सचान 2016 की पासआउट हैं। वर्तमान में वोडाफोन इंटेलिजेंट सॉल्यूशंस में एप्लिकेशन ऑपरेशंस मैनेजर के रूप में काम कर रही है। वर्ष 2014 के पास आउट सृजन चौबे 2018 बैच के पीसीएस अधिकारी हैं। वर्तमान में वे कानपुर में तैनात हैं। 15 मई को वे आए और बच्चों का उत्साह बढ़ाया। जीतेंद्र कुमार 2015 में यहां से गए। गुड़गांव में सहायक प्रबंधक-डेटा विज्ञान एम्फैसिस लिमिटेड में कार्यरत हैं।
ये सभी केएनआईटी के एलमुनाई हैं जो यहां रहने के दौरान कोशिश से जुड़े रहे अब दूर रहकर बराबर ‘कोशिश’ के लिए कोशिश करते हैं। बेटियों की शिक्षा व सशक्तिकरण के लिए ‘कोशिश’ की गर्ल्स टीम भी बनी है, जिसे रितिका लीड कर रहीं हैं। उनका साथ अंकिता, प्रीतिमा, मान्या, सीमा और हिमानी दे रही हैं। केएनआईटी के डायरेक्टर प्रो. एसके सिन्हा, मैकेनिकल के एचओडी रहे प्रो. एचडी राम, प्रो. एके चौहान, प्रो. अनिल सिंह, एसोसिएट प्रो. रंजना सिंह का स्नेह टीम को प्रोत्साहित करता रहता है।
बहुत ही बढ़िया कार्य शानदार
Plz follow me
Nice
Nice
good job
I have followed u . So plz follow me too , it will be ur support and ur gesture👍
Nice
Nice
very nice work... शिक्षा दान से बड़ा महान कोई दान नहीं है।
👍👍👍👍💯
Nice
Plz follow me .It's your gesture and your kindness 👍
Nice
Nice
Good work
Good
Nice
Nice
Good job
Nice