अधिक शुल्क लेने पर जनसेवा केंद्र संचालक गिरफ्तार

in #sultanpur2 years ago

Sultanpur news:-जयसिंहपुर (सुल्तानपुर)। तहसील परिसर के बगल में संचालित जनसेवा केंद्र को बुधवार को एसडीएम ने सील कर दिया। केंद्र सील करने के बाद संचालक को गिरफ्तार कर लिया गया। यह कार्रवाई एसडीएम जयसिंहपुर ने एक शिकायत पर की। शिकायतकर्ता का आरोप था कि जनसेवा केंद्र संचालक ने आय व निवास प्रमाणपत्र बनाने के लिए उससे 250 रुपये लिए। एसडीएम की इस कार्रवाई से जनसेवा केंद्र संचालकों में हड़कंप मच गया है।

जयसिंहपुर एसडीएम अरविंद कुमार बुधवार को जनता दर्शन में शिकायतें सुन रहे थे। इसी बीच एक व्यक्ति ने उनसे शिकायत की कि आय और निवास प्रमाणपत्र के लिए जनसेवा केंद्र के संचालक ने उससे 250 रुपये ले लिए हैं। लेखपाल ने प्रमाणपत्र भी खारिज कर दिया। शिकायत सुनने के बाद एसडीएम तहसील के बगल में चल रहे जनसेवा केंद्र की जांच करने पहुंच गए। वहां केंद्र संचालक एसडीएम को पहचान नहीं सका और प्रमाणपत्र के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के नाम पर अधिक पैसे की मांग करने लगा।
Screenshot_2022-06-02-14-52-01-59_40deb401b9ffe8e1df2f1cc5ba480b12.jpg
आम आदमी बनकर एसडीएम ने आयुष्मान गोल्डन कार्ड, पेंशन की केवाईसी के बारे पूछा तो वह आनाकानी करने लगा। जब जनसेवा केंद्र संचालक को यह पता चला कि पूछताछ करने वाला कोई और नहीं बल्कि एसडीएम हैं तो वह अवाक रह गया। एसडीएम ने जनसेवा केंद्र को सील कराते हुए संचालक को हवालात भेज दिया।
एसडीएम ने बताया कि शिकायत पर जनसेवा केंद्र की जांच की गई। जांच में पता चला कि दो प्रमाणपत्र के लिए गरीब व्यक्ति से 250 रुपये संचालक ने सीएससी के नाम अकाउंट में ऑनलाइन ट्रांसफर कराया था। इस पर जनसेवा केंद्र को सील कराकर प्रमाणपत्र खारिज करने वाले लेखपाल से दो दिन के अंदर साक्ष्य प्रस्तुत करने को कहा गया है। जनसेवा केंद्र संचालक वंशराज को हवालात भेज दिया गया है।
आय और निवास प्रमाणपत्र के लिए शिकायतकर्ता की ओर से किया गया ऑनलाइन पेमेंट तहसील के निकट संचालित जनसेवा केंद्र के संचालक के गले की फांस बन गया। फरियादी ने अपने मोबाइल से केंद्र संचालक के खाते में भेजे गए 250 रुपयेेेे के पेमेंट की डिटेल एसडीएम को दिखाई।
आरोप लगाया कि उससे 250 रुपये लिए गए और प्रमाणपत्र भी खारिज कर दिया गया। जब एसडीएम ने उसके पेमेंट और ऑनलाइन मेसेज को चेक किया तो पता चला कि 30 रुपये की जगह 250 रुपये का भुगतान सीएससी संचालक ने अपने अकाउंट में ट्रांसफर कराया था।