प्रांतीय ज्ञान विज्ञान मेले का हुआ समापन

in #sultanpur2 years ago

भारतीय शिक्षा समिति पूर्वी उत्तर प्रदेश काशी प्रांत द्वारा आयोजित प्रांतीय ज्ञान विज्ञान मेले का समापन समारोह शनिवार को हुआ।

इस अवसर पर आए हुए अतिथियों का परिचय सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज झारखंड कादीपुर के प्रधानाचार्य प्रदीप कुमार त्रिपाठी ने किया और अतिथियों को अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। अपने उद्बोधन में कहा कि विज्ञान हमेशा सृजनात्मक एवं प्राणी के हित के लिए होना चाहिए। जिसमे इस जगत का कल्याण निहित हो। प्रयागराज संभाग निरीक्षक व सरस्वती विद्यामंदिर कादीपुर के प्रबंधक दयाराम यादव ने मेले का वृत्त प्रस्तुत किया। इस प्रतियोगिता में

सांस्कृतिक प्रश्न मंच शिशु वर्ग में सोनभद्र संकुल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। सुलतानपुर द्वितीय और केशव संकुल प्रयागराज ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। बाल वर्ग में सुल्तानपुर प्रथम, किशोर वर्ग में प्रयागराज माधव संकुल प्रथम, तरुण वर्ग में माधव संकुल प्रयागराज प्रथम स्थान प्राप्त किया। वैदिक गणित की प्रतियोगिता शिशु वर्ग में काशी संकुल प्रथम बाल वर्ग में केशव प्रयाग प्रथम ,किशोर वर्ग में केशव प्रयाग प्रथम, तरुण वर्ग में प्रतापगढ़ प्रथम। विज्ञान प्रश्न मंच की प्रतियोगिता में शिशु वर्ग सोनभद्र प्रथम, बाल वर्ग में सोनभद्र प्रथम स्थान, किशोर वर्ग में सोनभद्र प्रथम स्थान, तरुण वर्ग में सोनभद्र प्रथम, सुलतानपुर द्वितीय, प्रयाग केशव तृतीय स्थान प्राप्त किया ।आचार्य पत्र वाचन सांस्कृतिक में अभय त्रिपाठी प्रयाग प्रथम ,कृष्णदेव सिंह सुलतानपुर ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया, त्वरित भाषण में सुलतानपुर प्रथम स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ सुशील कुमार पाण्डेय ने कहा कि जीत में विनम्रता और हार में अनुशासन ,मानव को महापुरुष बनाता है, ये बाल वैज्ञानिक जगत के दिवाकर बन कर राष्ट्र की सेवा करेंगे जिससे भारत विश्व गुरु पद पर आसीन होगा। प्रबन्धक दयाराम यादव ने सबके प्रति आभार ज्ञापित किया। संचालन वरिष्ठ आचार्य श्री हृदय नारायण त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर काशी के संभाग निरीक्षक गोपाल जी तिवारी, पूर्व प्रधानाचार्य डा शिव हर्ष सिंह, आचार्य सूर्य प्रकाश मिश्र, पुरातन छात्र भैया सौहार्द बरनवाल, श्याम चन्द्र श्रीवास्तव तथा सभी आचार्य व आठ संकुल के प्रधानाचार्य, सहयोगी आचार्य व बाल वैज्ञानिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन कल्याण मंत्र शांति पाठ से हुआ।