"‘मैं आत्महत्या कर रहा हूं...’: शख्स ने 112 पर कॉल किया, पुलिस पहुंची तो फंदे से लटका मिला शव"
बरेली 17 सितम्बरः(डेस्क)बरेली के इज्जतनगर थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली, जिसका शव सोमवार रात उसके कमरे में फंदे से लटकता मिला। मृतक की पहचान राजीव श्रीवास्तव के रूप में हुई है, जो डिफेंस कॉलोनी में रहते थे। आत्महत्या करने से पहले उन्होंने यूपी 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी थी कि वह अपनी जान देने जा रहे हैं, लेकिन इसके बाद उन्होंने अपना मोबाइल बंद कर लिया।
पुलिस को जब इस कॉल की जानकारी मिली, तो वे राजीव के घर की तलाश में पहुंचे। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। पुलिस ने जब राजीव के घर का दरवाजा खटखटाया, तब उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने पड़ोसियों से जानकारी ली और राजीव का पता लगाया। जब पुलिस ने अंततः राजीव के घर का दरवाजा खोला, तो उन्हें वह फंदे से लटका हुआ मिला।
स्थानीय लोगों के अनुसार, राजीव की पत्नी और बेटी अलग रहती थीं। दंपती के बीच आपसी विवाद की खबरें भी सामने आई हैं, और आत्महत्या की वजह यही मानी जा रही है। घटना के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
इस घटना ने क्षेत्र में शोक और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि आत्महत्या की यह घटना मानसिक स्वास्थ्य की गंभीरता को दर्शाती है। कई लोग ऐसे होते हैं जो अपने व्यक्तिगत समस्याओं को साझा नहीं करते और अंततः ऐसे कदम उठाते हैं।
पुलिस प्रशासन ने इस मामले में गहन जांच का आश्वासन दिया है और कहा है कि वे आत्महत्या के कारणों का पता लगाने के लिए सभी संभावित पहलुओं पर गौर करेंगे। इसके अलावा, उन्होंने स्थानीय निवासियों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की मानसिक परेशानी या तनाव का सामना कर रहे लोगों की मदद करें और उन्हें उचित सलाह दें।
इस घटना ने एक बार फिर समाज में मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा को जन्म दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि परिवारों को एक-दूसरे के साथ संवाद स्थापित करना चाहिए और किसी भी प्रकार की समस्या को साझा करने में संकोच नहीं करना चाहिए। इसके लिए समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है ताकि लोग अपने भावनात्मक संकट को समझ सकें और सही समय पर मदद ले सकें।
राजीव श्रीवास्तव की आत्महत्या ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मानसिक स्वास्थ्य एक गंभीर मुद्दा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस दिशा में क्या कदम उठाता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और लोगों को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी सहायता उपलब्ध कराई जा सके।