साथी की पिटाई से नाराज बैतालपुर डिपो के टैंकर चालकों ने की हड़ताल

in #strike5 days ago

देवरिया 14 सितंबर : (डेस्क) हड़ताल से पेट्रोलियम पदार्थ की लोडिंग ठप, डिपो में मची अफरातफरी अधिकारियों ने की मान-मनौव्वल, लेकिन बात नहीं बनी सात घंटे बाद केस दर्ज करने का आश्वासन मिलने पर चालकों ने लौटाया काम

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देवरिया में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के एक टैंकर चालक के साथ एक दर्दनाक घटना घटी है। संतकबीरनगर में एक डीलर और उसके साथियों द्वारा इस चालक की पिटाई की गई, जिससे नाराज होकर उसके साथी चालक शुक्रवार सुबह बेमियादी हड़ताल पर चले गए।

इस घटना के तुरंत बाद, पेट्रोलियम पदार्थों की लोडिंग ठप हो गई और टैंकरों के पहिए जहां-तहां रुक गए। इससे डिपो में अफरातफरी मच गई। अफसरों ने चालकों को समझाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। सात घंटे तक चले इस विवाद के बाद, प्रभारी निरीक्षक गौरीबाजार ने चालकों की तहरीर पर केस दर्ज करने का आश्वासन दिया, तभी चालक काम पर लौट आए।

घटना के दौरान किसी भी पंप पर पेट्रोल-डीजल की किल्लत नहीं हुई। यह बताता है कि चालकों ने अपने विरोध को शांतिपूर्ण तरीके से व्यक्त किया। हालांकि, इस घटना से पेट्रोलियम उद्योग में तनाव का माहौल बना रहा।

चालकों का कहना है कि उन्हें डीलर और उसके साथियों द्वारा बुरी तरह पीटा गया, जिससे वे नाराज हो गए। उन्होंने बताया कि डीलर ने उनसे कुछ मांगा था, लेकिन चालकों ने मना कर दिया। इसके बाद डीलर ने उन पर हमला बोल दिया।

पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि डीलर और उसके साथियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। चालकों ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

इस घटना ने पेट्रोलियम उद्योग में काम करने वाले कर्मचारियों के बीच असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। उन्हें लगता है कि उनके साथ किसी भी समय ऐसा कुछ हो सकता है। इस मुद्दे पर उद्योग संगठनों और श्रमिक संघों को गंभीरता से काम करने की जरूरत है।

सरकार को भी इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। उद्योग में काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने की जरूरत है। साथ ही, डीलरों और कर्मचारियों के बीच संवाद बढ़ाने के लिए भी कदम उठाने होंगे।

इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि पेट्रोलियम उद्योग में काम करने वाले कर्मचारियों को अपनी सुरक्षा के लिए लगातार संघर्ष करना पड़ता है। सरकार और उद्योग संगठनों को मिलकर इस मुद्दे पर काम करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।