स्ट्रीट वेंडर्स का डिजिटल ट्रांजैक्शन करने में यूपी में पहला स्थान
बनारस के स्ट्रीट वेंडर्स डिजिटल ट्रांजेक्शन करने में प्रदेश में सबसे आगे निकल चुके हैं। 23 हजार स्ट्रीट वेंडर्स ने 2.43 करोड़ रुपये का डिजिटल लेन देन करके नया रिकॉर्ड बना दिया है। जिन्हें कभी अतिक्रमणकारी कहकर इधर-उधर खदेड़ दिया जाता था, उन ठेला-पटरी वालों ने व्यापार के मुख्य धारा के साथ कदम मिलाकर चलना सीख लिया है। करोड़ों में डिजिटल ट्रांजेक्शन करने का फायदा इन्हें कैश बैक के रूप में भी मिल रहा है।योगी सरकार ने ठेला-पटरी वालों को उचित माहौल क्या दिया, वाराणसी के ठेला-पटरी व्यवसायियों ने डिजिटल लेन देन में रिकॉर्ड कायम कर दिखाया है। सरकार ने वेंडिंग जोन के रूप में उनके व्यापार के लिए चिह्नित जगह उपलब्ध कराया और साथ ही बड़े पैमाने पर स्ट्रीट वेंडर्स को फिनटेक कंपनियों के साथ पंजीकृत कराया गया।
यही नहीं बड़े पैमाने पर ठेला पटरी व्यवसायियों को पीएम स्वनिधि योजना से भी जोड़ा गया, जिसके लिए हाल ही में वाराणसी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मानित भी किया है। परियोजना अधिकारी (डूडा) निधि बाजपेयी ने कहा कि डिजिटल ट्रांजेक्शन में वाराणसी का स्थान पूरे प्रदेश में सबसे ऊपर है। यहां 23 हजार रेहड़ी पटरी व्यवसायियों ने महज 18 महीने में 2.43 करोड़ का व्यापार डिजिटल लेन देन से कर दिखाया है।
डिजिटल लेनदेन करने पर स्ट्रीट वेंडर्स को कैशबैक की सुविधा मिलती है। जो स्ट्रीट वेंडर महीने में कम से कम 200 ट्रांजैक्शन करता है उसे प्रति महीने 100 रुपये कैशबैक मिलता है। यह एक साल में 1200 रुपये हो जाता है। डिजिटल लेनदेन करने से रेहड़ी पटरी व्यवसायियों को बैंक से लोन लेने में भी मदद मिलती है। साथ ही कैशबैक के रूप में उनको अच्छी कमाई भी होती है।