राजा रामलाल खोखर

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खोखरो का राज्य सिंध एवं मुल्तान के क्षेत्रों में फैला हुआ था
यहां के शासक धनाजी खोखर बड़े ही वीर योद्धा प्रजा पालक थे शेखासर के गोदारों से वैवाहिक संबंध थे
रामलाल खोकर का जन्म 1181 मैं हुआ बचपन से ही बड़े प्रतिभाशाली एवं वीर थे
मोहम्मद गौरी के लगातार हो रहे आक्रमणों से खोखर साम्राज्य नष्ट हो गया एवं खोकरो को जंगल प्रदेश आना पड़ा
सन 1203 में मोहम्मद गोरी एवं जाटों के बीच जेलम का जल युद्ध हुआ
एक तरफ मोहम्मद गौरी की विशाल सेना दूसरी तरफ गोदारा खोखर साहू और सारणों की संयुक्त सेना थी
इस युद्ध में जाटों को अपार क्षति हुई लगभग 50 हजार के करीब जाट मारे गए
रामलाल खोकर के पिता और भाई वीरगति को प्राप्त हो गए
उस समय रामलाल खोकर की उम्र करीब 19 साल थी
वीर योद्धा ने बची हुई जाट सेना को लेकर जागल की तरफ चल दिए
वहां पर एक नई सेना तैयार कर 1206 में लाहौर पर आक्रमण कर दिया
लाहौर विजय के बाद मुल्तान और पंजाब को अपने अधिकार में लिया
दिल्ली के सुल्तान कुतुबुद्दीन ऐबक ने मोहम्मद गोरी से सहायता मांगी और मोहम्मद गोरी ने 1206 में एक बार फिर खोकर जाटों पर आक्रमण किया
मुल्तान से 15 मील दूर धामयंक के मैदान में भयानक युद्ध हुआ
इस युद्ध में मोहम्मद गोरी रामलाल के हाथों मारा गया
इस युद्ध में जाटों की विजय हुई लेकिन अत्यधिक घाव लग जाने के कारण रामलाल खोकर 1208 में वीरगति को प्राप्त हो गए