भगवत प्राप्ति के लिए निश्चय और परिश्रम भी जरूरी

in #srimad-bhagwat7 months ago

004.jpg

  • भगवत प्राप्ति के लिए निश्चय और परिश्रम भी जरूरी
  • नारायणगंज के ग्राम मैली में चल रही श्रीमद्भागवत कथा

मंडला. नारायणगंज के मैली गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन शुक्रवार को कथा व्यास पं.संतोष शास्त्री महाराज पदमी वाले ने कहा कि सर्वेश्वर भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रज में अनेकानेक बाल लीलाएं कीं, जो वात्सल्य भाव के उपासकों के चित्त को अनायास ही आकर्षित करती हैं। जो भक्तों के पापों का हरण कर लेते हैं, वही हरि हैं।

कथा व्यास ने कहा कि नंदालय में गोपियों का तांता लगा रहता है। हर गोपी भगवान से प्रार्थना करती है कि किसी न किसी बहाने कन्हैया मेरे घर पधारें। जिसकी भगवान के चरणों में प्रगाढ़ प्रीति है, वही जीवन्मुक्त है। एक बार माखन चोरी करते समय मैया यशोदा आ गईं तो कन्हैया ने कहा कि मैया तुमने इतने मणिमय आभूषण पहना दिए हैं जिससे मेरे हाथ गर्म हो गए हैं तो माखन की हांडी में हाथ डालकर इन हाथों को शीतलता प्रदान कर रहा हूं। शास्त्री जी ने कहा कि आस्था और विश्वास के साथ भगवत प्राप्ति आवश्यक हैं।

भगवत प्राप्ति के लिए निश्चय और परिश्रम भी जरूरी हैं। कथा के दौरान भक्तिमय संगीत ने श्रोताओं को आनंद से परिपूर्ण किया। कथावाचक ने भागवत कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण-रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं,उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती हैं। कथा वाचक ने कहा कि जीव परमात्मा का अंश हैं। आयोजको ने बताया कि भागवत कथा का अयोजन 4 से 11 फरवरी तक किया जा रहा है कल पूजन हवन के बाद भंडारा का आयोजन रखा गया है।