80 रुपये प्रति डालर के करीब पहुंचा रुपया, महंगाई तो बढ़ेगी लेकिन निर्यात को मिलेगा लाभ

in #spnews2 years ago

भारतीय रुपया गिरकर लगभग 80 रुपये प्रति डॉलर के करीब पहुंच गया है। इससे महंगाई में वृद्धि होगी और बाजार में वस्तुएं महंगी हो जाएंगी। इससे आमजनों को जीवनयापन करने के लिए आवश्यक वस्तुओं को जुटाना महंगा हो जाएगा और लोगों को अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए सुविधाओं में कटौती करनी पड़ सकती है। लेकिन इसी के साथ, रुपये के गिरने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पाद सस्ते हो जाते हैं और यही कारण है कि रुपये की कमजोरी से निर्यात बाजार को लाभ मिलता है। रुपये के गिरने से सबसे ज्यादा नुकसान भारत के व्यापार घाटे के बढ़ने के तौर पर सामने आता है। भारत को तेल आयात के रूप में प्रति वर्ष भारी रकम खर्च करनी पड़ती है। रुपये की कमजोरी के बाद सरकार को उसी मात्रा के तेल उत्पादों को खरीदने के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है। तेल आयात महंगा होने के कारण घरेलू बाजार के उपभोक्ताओं को तेल की ज्यादा ऊंची कीमत चुकानी पड़ती है। इससे वस्तुओं के परिवहन लागत बढ़ जाती है। व्यापारी यह कीमत अंतिम उपभोक्ताओं से वसूलते हैं जिसके कारण खाद्यान्न-कपड़े से लेकर हर जरूरी वस्तुओं की कीमतें बढ़ने लगती हैं और उपभोक्ताओं पर महंगाई की मार पड़ती है। केंद्र सरकार में पूर्व सचिव अजय शंकर ने बताया कि सामान्य समझ है कि मजबूत रुपया देश के मजबूत होने की निशानी है, जबकि कमजोर रुपया किसी देश के कमजोर होने की निशानी है। लेकिन यह धारणा बहुत सही नहीं है। चीन और जापान ने जानबूझकर अपनी मुद्राओं का अवमूल्यन होने दिया। इससे विश्व बाजार में उनके उत्पाद सस्ते हो गए और ये देश विश्व की सबसे बड़ी फैक्टरी बनकर उभरे। उनकी अर्थव्यवस्था को मजबूत होने में अन्य कारणों के साथ-साथ मुद्रा का अवमूल्यन होना भी एक बड़ा कारण है।Screenshot_2022-07-15-22-09-04-81_40deb401b9ffe8e1df2f1cc5ba480b12.jpg