अंतरराज्यीय ठग गिरोह के चार बदमाशों पर लगा गैंगस्टर, रेशम फर्म के मैनेजर से ठगे थे 1.87 करोड़

in #spnews2 years ago

वाराणसी के मलदहिया स्थित रेशम फर्म कंपनी के मैनेजर से 1.87 करोड़ की ठगी में गिरफ्तार अंतरराज्यीय ठग गिरोह के चारों आरोपियों पर वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने शिकंजा कस दिया है। गिरोह के मास्टरमाइंड पंकज भारद्वाज सहित समेत चारों पर चेतगंज थाने पर गैंगस्टर का गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने बताया कि वाराणसी जिला जेल में बंद चारों बदमाशों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज होने के बाद इनकी संपत्तियों का आकलन किया जाएगा। फिर जब्तीकरण की कार्रवाई भी होगी। अंतरराज्यीय ठग गिरोह ने 20 अप्रैल को चेतगंज थाना के पिशाचमोचन में जीएसटी में छूट दिलाने के नाम पर रेशम कंपनी के प्रबंधक से 1.87 करोड़ रुपये ठग लिए थे। कमिश्नरेट पुलिस ने चार आरोपियों को मुंबई और गाजियाबाद से दबोचा था। ठगी की एक करोड़ 87 लाख रुपये भी बरामद किया था। इसमें मास्टरमाइंड अजमेर नगर निगम का निलंबित बाबू सचिन शर्मा, हिसार हरियाणा का पंकज भारद्वाज, नई दिल्ली का तरुण गौतम और रोहन खिंची सभी चौकाघाट जिला जेल में निरुद्ध हैं।

पुलिस की तफ्तीश में सामने आया कि इस गिरोह ने वाराणसी समेत अन्य राज्यों में भी कई लोगों से करोड़ों की ठगी की है। पिछले दो-तीन साल से यह गिरोह मुंबई, नई दिल्ली और यूपी के विभिन्न शहरों में लोगों को अपना शिकार बना रहा था। इन शातिरों पर दिल्ली पुलिस के भी कई वारंट लंबित हैं।
मुंबई के होटल ट्राइडेंट से दबोचे गए थे तीन बदमाश
बीते 20 अप्रैल को वाराणसी के मलदहिया स्थित रेशम फर्म कंपनी के प्रबंधक अंकित शुक्ला ने चेतगंज थाने में ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था। ठगों की गिरफ्तारी के लिए तीन टीम गठित की गई थी। तीनों टीमों ने आपसी समन्वय स्थापित रखते हुए सीसीटीवी फुटेज, इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और मुखबिर की सूचना के आधार पर आरोपियों को ट्रेस किया। जिनमें से रोहन, पंकज और तरुण को मुंबई स्थित होटल ट्राइडेंट से गिरफ्तार किया। वहीं सचिन को गाजियाबाद के कौशांबी बस स्टैंड से दबोचा गया। सचिन के पास से ही एक करोड़ 87 लाख नकद बरामद हुए।
रेशम फर्म के मैनेजर से ऐसे की थी ठगी
बंगलूरू की एक रेशम फर्म का ऑफिस मलदहिया में है। अकथा चौराहा निवासी अंकित शुक्ला वहां मैनेजर है। उसी ऑफिस में अंकित का साला अश्वनी भी काम करता है। अंकित ने तहरीर में बताया था कि अश्वनी की मुलाकात कुछ दिन पूर्व अभिषेक और यश नाम के व्यक्तियों से हुई थी। दोनों ने अश्वनी को बताया था कि उनके अकाउंट संबंधी समस्याओं के समाधान की फर्म है और एक प्रतिशत कमीशन में हम टैक्स पर बड़ी भारी राहत दिलाते हैं। जिस पर अश्वनी ने उन दोनों की मुलाकात हमसे करवाई और हमने दो करोड़ पर टैक्स की छूट की बात की थी। अंकित ने बताया कि इसके बाद अपने साले अश्वनी के साथ 20 अप्रैल को अभिषेक और यश के ऑफिस में पहुंचा तो वहां दो बाउंसर संदीप और सोनू भी मिले। अभिषेक और यश ने बताया कि संदीप और सोनू को पैसा गिनने के लिए बुलाया गया है।

इसके बाद पहले कमरे में अंकित, अश्वनी, यश और सोनू बैठ गए। इसी बीच पहले कमरे से सोनू और यश बाहर निकले। थोड़ी देर बाद अश्वनी ने देखा कि दूसरे कमरे में दो करोड़ रुपए के साथ ही अभिषेक भी नहीं था। इस पर अश्वनी और अंकित ने दौड़ा कर संदीप को पकड़ लिया और सूचना पुलिस को दी।
संदीप से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने दूसरे बाउंसर सोनू को भी पकड़ लिया। दोनों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वह दिल्ली से आए हुए बाउंसर हैं और उन्हें उनकी फर्म के द्वारा यहां भेजा गया था। तब पुलिस ने चेतगंज थाने में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। वारदात के नौवें दिन आरोपियों को गिरप्तार कर लिया गया था। Screenshot_2022-07-27-11-35-19-77_40deb401b9ffe8e1df2f1cc5ba480b12.jpg