पिता के निधन के बाद पहली बार अखिलेश यादव का आया बयान, आजम खान के समर्थन में कही यह बात
आजम खां की विधानसभा सदस्यता खत्म होने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनकी जमकर सराहना की। अखिलेश ने कहा कि क्योंकि आजम खां भाजपा की नफरती व साम्प्रदायिक राजनीति का विरोध करते थे, इसलिए वह भाजपा सरकार की आंखों में खटकने लगे। अखिलेश यादव ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि विधानसभा में उनके अकाट्य तर्कों और तीखे बयानों से भाजपा नेता असहज रहते थे। इसलिए उनके खिलाफ षडयंत्र के बीज बोए जाने लगे।
भाजपा को चिढ़ है कि रामपुर में मोहम्मद आजम खां ने एक उच्चस्तरीय शैक्षिक संस्थान मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय बना दिया जिससे इस क्षेत्र के नोजवानों को आगे बढ़ने का मौका मिलना तय था। इस बड़े काम की प्रशंसा के बजाय भाजपा सरकार विश्वविद्यालय को ही मटियामेट करने पर तुल गई।
उन पर न जाने कितने झूठे मुकदमे लगा दिए गए। भाजपा मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय को ध्वस्त करने में लगी है। राजनीति में उनको किनारे करने की कोशिश भाजपा को भारी पड़ेगी। सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार को याद रखना चाहिए कि राजनीति में विद्वेष की भावना का कोई स्थान नहीं है। आजम खां 10 बार विधायक, तीन बार सांसद, राज्य सरकार में कई बार मंत्री, नेता विपक्ष भी रहे हैं। भाजपा ने उनको राजनीति में किनारे करने की जो साजिश की है, वह उन पर ही भारी पड़ेगी।
कुम्भ की तैयारियों पर निगाह रखी
अखिलेश यादव ने कहा कि जब प्रदेश में कुम्भ का महापर्व आया तब समाजवादी सरकार में बतौर मंत्री मोहम्मद आजम खां ने कुम्भ की तैयारियों पर निगाह रखी और लोगों की सुविधाओं का विस्तार किया। इसकी साधु संतों ने भी प्रशंसा की। इस पर हावर्ड विश्वविद्यालय ने विशेष रिपोर्ट तैयार की थी जिसमें समाजवादी सरकार व आजम खां की भूरि-भूरि प्रशंसा थी और उन्हें अपने हावर्ड विश्वविद्यालय में इस सम्बंध में प्रस्तुति के लिए भी आमंत्रित किया था।
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