हत्या के दोषी को दूसरी बार उम्रकैद, पहले की थी भाई की हत्या, फिर पैरोल पर आकर ग्रामीण को मार डाला

in #sonipat2 years ago

दोषी अजीत ने अपने छोटे भाई कृष्ण की 2 नवंबर, 2011 को हत्या कर दी थी। मामले को लेकर अजीत के पिता ओमप्रकाश ने 3 नवंबर, 2011 को थाना मुरथल में मुकदमा दर्ज कराया था।

हरियाणा के सोनीपत में जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रमोद गोयल की अदालत ने पैरोल पर आने के बाद पैसों के लेन-देन में ग्रामीण की हत्या करने के आरोपी को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोषी को उम्रकैद व 42,500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। दोषी को अपने भाई की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा हो चुकी है। पहली सजा पूरी होने के बाद दूसरी सजा शुरू होगी।

गांव मेहंदीपुर निवासी सुमन ने 8 अक्तूबर, 2018 को मुरथल थाना पुलिस को बताया था कि उसके पति जसबीर (37) की हत्या कर दी गई। उसने बताया था कि उसका पति घर में उसके साथ कमरे में सो रहा था। घटना की रात को करीब दो बजे हमलावर गांव के ही अजीत व एक अन्य ने घर में घुसकर उसके पति जसबीर को गोली मार दी थी। वारदात को अंजाम देकर हमलावर घर के बाहर खड़ी बाइक से भाग गए थे।

पुलिस ने सुमन के बयान पर अजीत व एक अन्य के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। सुमन ने पुलिस को बताया था कि उसके पति जसबीर व अजीत के बीच कुछ पैसों का लेनदेन था जिसे लेकर अजीत ने पांच दिन पहले उनके पति को धमकी भी दी थी। मामले में कार्रवाई करते हुए तत्कालीन सीआईए-2 प्रभारी अजय धनखड़ की टीम ने आरोपी अजीत को गिरफ्तार कर लिया था। मामले में उसके साथ नामजद कराए आरोपी की संलिप्तता नहीं मिली थी। पुलिस ने अजीत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सीआईए-2 प्रभारी अजय धनखड़ की टीम ने आरोपी से हथियार भी बरामद कर लिया था।

मामले में सुनवाई करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रमोद गोयल की अदालत ने अजीत को दोषी करार दिया। मंगलवार को अदालत ने दोषी को भादंसं की धारा 302 में उम्रकैद व 25 हजार रुपये जुर्माना, 449 में पांच साल कैद व 10 हजार रुपये जुर्माना, 25 आर्म्स एक्ट में दो साल कैद व 2500 रुपये जुर्माना, 27 ऑर्म्स एक्ट में पांच साल कैद व 5 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। दोषी पहले भी उम्रकैद का सजायाफ्ता है। वह सजा पूरी होने के बाद दूसरी सजा शुरू होगी।

भाई की हत्या में हुई थी पहले उम्रकैद

दोषी अजीत ने अपने छोटे भाई कृष्ण की 2 नवंबर, 2011 को हत्या कर दी थी। मामले को लेकर अजीत के पिता ओमप्रकाश ने 3 नवंबर, 2011 को थाना मुरथल में मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने बताया था कि उनका छोटा बेटा उनके पास आया हुआ था। वह सोनीपत में रहता था। जब वह गली में खड़ा था तो इसी दौरान उसके बड़े बेटे अजीत ने अपने एक साथी गांव भैंसवाल निवासी जितेंद्र के साथ मिलकर कृष्ण की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मामले में अदालत ने 14 मई, 2014 को अजीत व उसके साथी जितेंद्र को उम्रकैद की सजा सुनाई थी जिसमें पैरोल पर आकर उसने अक्तूबर, 2018 को जसबीर की हत्या की थी।

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